आशा वर्कर्स ने पल्स पोलियो मानदेय में कटौती पर जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

नैनीताल। उत्तराखंड आशा वर्कर्स यूनियन ने पल्स पोलियो अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ताओं के प्रतिदिन मिलने वाले मानदेय में की गई कटौती पर कड़ी नाराजगी जताई है। इस संबंध में यूनियन ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन उप जिलाधिकारी नैनीताल नवाजिश खलिक को प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल के नेतृत्व में सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि 12 से 18 अक्टूबर तक चले पल्स पोलियो अभियान में आशाओं को प्रतिदिन 100 रुपये दिए जाने का प्रावधान था, जिसे घटाकर 75 रुपये कर दिया गया है। यूनियन ने इसे आशा कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय बताते हुए निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है।
कमला कुंजवाल ने कहा कि सरकार जहां विधायकों के वेतन-भत्ते लगातार बढ़ा रही है, वहीं आशा वर्कर्स, जो मातृ-शिशु सुरक्षा से लेकर स्वास्थ्य विभाग के हर अभियान में अग्रणी भूमिका निभाती हैं, उन्हें न तो न्यूनतम वेतन दिया जा रहा है और न ही कर्मचारी का दर्जा। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिन आशाओं ने कोविड से लेकर पोलियो तक हर मोर्चे पर काम किया, उन्हें अब उनके छोटे से मानदेय में भी कटौती झेलनी पड़ रही है। यूनियन ने मुख्यमंत्री को 31 अगस्त 2021 के उस वादे की याद भी दिलाई, जिसमें खटीमा स्थित कैम्प कार्यालय में मुख्यमंत्री ने आशा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर प्रतिमाह 11,500 रुपये मानदेय तय करने और डी.जी. हेल्थ द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को लागू करने का आश्वासन दिया था। चार साल बाद भी यह वादा अधूरा है।
ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि पल्स पोलियो अभियान में कटौती के प्रस्ताव को तत्काल वापस लिया जाए, आशाओं को मासिक मानदेय नियत किया जाए, कर्मचारी का दर्जा व न्यूनतम वेतन दिया जाए, सेवानिवृत्त आशाओं को पेंशन या 10 लाख रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाए तथा प्रशिक्षण के दौरान प्रति दिन 500 रुपये भुगतान का प्रावधान किया जाए। ज्ञापन देने वालों में प्रेमा अधिकारी, ममता, कमला बिष्ट, भगवती शर्मा, सरिता कुरिया, नीरू पुजारी, हेमा ठठोला, गीता नैनवाल, नीलम बिष्ट, दुर्गा टम्टा, चन्द्रा सती, राधा रानी, हेमा जोशी, निर्मला चन्द्रा, देवकी बिष्ट, कुसुमलता, सुमन बिष्ट, राधा, मनीषा आर्या, दीपा अधिकारी और विमला साह शामिल रहीं।

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