सेवा, साधना और संकल्प का संगम: NSS विशेष शिविर के चतुर्थ दिवस पर जागरूकता, ज्ञान और राष्ट्रभाव की प्रेरक झलक”

नैनीताल l राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के विशेष शिविर के चतुर्थ दिवस का आरंभ अत्यंत अनुशासित एवं ऊर्जावान वातावरण में हुआ। दिन की शुरुआत प्रातःकालीन जागरण से हुई, जिसके पश्चात सभी स्वयंसेवियों ने सामूहिक रूप से योग एवं शारीरिक व्यायाम किया। इसके उपरांत ईश-वंदना के माध्यम से आध्यात्मिक शांति एवं सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया गया। प्रातः 8 बजे नाश्ते के बाद लक्ष्य गीत के साथ दिनभर की गतिविधियों का शुभारंभ हुआ।लक्ष्य गीत के पश्चात स्वयंसेवियों द्वारा आचार्य नरेंद्र देव मानव सम्मान संस्थान परिसर के चारों ओर श्रमदान किया गया। इस श्रमदान के माध्यम से स्वच्छता, सामाजिक उत्तरदायित्व एवं सामूहिक सहभागिता का सशक्त संदेश दिया गया। दोपहर 12 बजे भोजन के उपरांत अपराह्न 1 बजे से बौद्धिक सत्र का आयोजन किया गया, जो दिन का प्रमुख आकर्षण रहा।
आज के बौद्धिक सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में श्री खीमराज सर उपस्थित रहे। वे रसायन विज्ञान के पूर्व प्रवक्ता रहे हैं तथा वर्ष 2000 में भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय में NSS की स्थापना कराने वाले प्रथम व्यक्ति रहे हैं। अपने प्रेरणादायी वक्तव्य में उन्होंने NSS के उद्देश्यों, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, स्वयंसेवियों की भूमिका तथा ‘बी’ एवं ‘सी’ प्रमाण-पत्र से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों की विस्तृत जानकारी दी। उनका संबोधन स्वयंसेवियों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरक सिद्ध हुआ।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीमती तारा देवी, प्रधानाचार्या, राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ नैनीताल उपस्थित रहीं। उन्होंने अपने संबोधन में स्वयंसेवियों की सक्रिय सहभागिता की सराहना करते हुए इस विशेष शिविर के महत्व पर प्रकाश डाला तथा राष्ट्र निर्माण में NSS की भूमिका को रेखांकित किया।
बौद्धिक सत्र में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसका विषय “जल संरक्षण” रहा। विभिन्न निकेतो के स्वयंसेवियों ने जल संरक्षण जैसे गंभीर एवं समसामयिक विषय पर अपने विचार प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किए। इसी सत्र में रिया एवं माया द्वारा किया गया कहानी वाचन विशेष रूप से सराहनीय रहा, जिसने सभी को गहराई से प्रभावित किया।सायं 4 बजे चाय-नाश्ते के पश्चात जागरूकता रैली निकाली गई। इस रैली के माध्यम से स्वयंसेवियों ने आम जन को जल संरक्षण, जल के सीमित उपयोग तथा जल बचाकर सुरक्षित भविष्य निर्माण के महत्व के बारे में जागरूक किया। रैली ने समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके बाद विभिन्न अन्य गतिविधियों के उपरांत भजन संध्या का आयोजन किया गया, जिसने वातावरण को भक्तिमय बना दिया। भजन संध्या के पश्चात नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, जिनके माध्यम से सामाजिक कुरीतियों, जागरूकता एवं नैतिक मूल्यों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया।रात्रि 8 बजे भोजन के पश्चात स्वयंसेवियों ने अपनी दैनिक डायरी लेखन किया तथा पोस्टर प्रतियोगिता में सहभागिता की। अंत में संकल्प गीत के साथ इस प्रेरणादायी एवं सफल दिवस का समापन हुआ।इस सम्पूर्ण दिवस की गतिविधियों का सफल संचालन कार्यक्रम प्रभारी श्रीमती मीनाक्षी बिष्ट के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। उनके साथ सहायक शिक्षक श्रीमती निशा बनौला, श्री आलोक भट्ट एवं श्रीमती गीतिका नेगी का सराहनीय सहयोग प्राप्त हुआ, जिनके समन्वय एवं निर्देशन से चतुर्थ दिवस अत्यंत अनुशासित, ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणास्पद बन सका।