महिला अधिकारों के अग्रदूत थे अंबेडकर – भावना मेहरा, मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू कर दी बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि।

गरमपानी। डॉ. भीमराव अंबेडकर न केवल दलितों के अधिकार के लिए बल्कि महिलाओं के हक की आवाज उठाने वाले संभवतया पहले पैरोकार थे वास्तव में वे महिला अधिकारों के अग्रदूत थे।” कहना है भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री भावना मेहरा का इससे पहले गरमपानी में बाबा साहेब की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर पहुची भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश महामंत्री मेहरा पुष्प गुच्छ देकर कार्यकर्ताओ ने स्वागत किया अपने संबोधन में उन्होंने कहा की बाबा साहेब को केवल दलित आइकॉन के रूप में ही देखा जाता है जबकि महिलाओ के अधिकारों के लिए उनके संघर्षो को आमतौर अनदेखा कर दिया जाता है वर्ष 1927 में महिलाओ की एक सभा से पहले उन्होंने कहा था कि “मैं किसी भी समुदाय की प्रगति को महिलाओ द्वारा हसिल की गई प्रगति के स्तर से नापता हुँ”। भावना मेहरा ने कहा कि वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने महिलाओ की स्थिति को जेंडर दृष्टि से समझने की कोशिश की वे महिलाओ को समान अधिकार दिलाने के पक्षधर थे जिससे महिलाओ को सामाजिक, शैक्षिक एवं राजनैतिक स्तर पर समानता का अधिकार मिल सके बाबा साहेब की सोच को साकार करते हुवे आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में यूसीसी लागू किया है जिसमे महिलाओ को भी पुरुषों के समान अधिकार दिए गए है कहा कि बाबा साहेब ने कहा था महिला राष्ट्र की निर्मात्री है हर नागरिक उसकी गोद मे पलकर बढ़ता है नारी को जागृत किये बिना राष्ट्र का विकास संभव नही है। कहा की बाबासाहेब ने हिंदू कोड बिल में महिलाओ के सम्मान की रक्षा के लिए मातृत्व अवकाश समान वेतन का मसौदा तैयार किया कहा कि बाबा साहेब एक ऐसे वर्गविहीन समाज की संरचना चाहते थे जिसमें जातिवाद वर्गवाद, संप्रदायवाद था ऊंच-नीच का भेद न हो प्रत्येक मनुष्य अपनी-अपनी योग्यता के अनुसार सामाजिक दायित्वो को निर्वाह करते हुवे स्वाभिमान और सम्मानपूर्वक जीवन जी सके। इस दौरान मण्डल अध्यक्ष नीरज बिष्ट सांसद प्रतिनिधि मदन मोहन कैड़ा योगेश डोंढीयाल भुवन चंद्र आर्या आनंद सिंह जमनाल बसंत गोस्वामी प्रकाश जलाल दीवान जलाल विनोद कुमार प्रकाश जलाल ऋतिक कुमार लक्ष्मण आर्या महेंद्र कुमार विमल पांडेय मुकेश जलाल आदि मौजूद रहे।


