ओम नाम के रंग में रंग जाये-आचार्य विमलेश बंसल


नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “दिलों का मिलन होली ” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया I यह करोना काल से 705 वा वेबिनार था l वैदिक विदुषी आचार्य विमलेश बंसल ने कहा कि व्यक्ति जब तक उस परमचेतन सत्ता के साथ ज्ञान, ध्यान के रंग में रंग षड संपत्ति की पिचकारी भरकर प्रतिक्षण होली नहीं खेलेगा, तब तक कितनी भी प्रतिवर्ष होली खेले मानव तन की होली कतई सार्थक नहीं हो सकती। रंगों में पड़ते नव विघ्नों की भांग हो, या अधर्म अनाचार के काले ठप्पे जब तक विनष्ट नहीं होंगे तब तक मिलन संभव नहीं।ईश्वर के होने के लिए अपने और समाज के व्यवहार के साथ ईश्वर के संग भी वैदिक व्यवहार की होली खेलनी ही होगी।
नित्य एक घंटे सुबह शाम तो ॐ रंग में रंगना होगा ही, प्रतिक्षण भी प्रत्येक कर्म में भी उसे सबके साथ न्यायसंगत व्यवहार करते हुए अनेकता में एकता का रंग भर वरना होगा इत्यादि। अंत में स्वरचित ब्रज भाषा में होली का गीत भी सुनाया l मुख्य अतिथि रेणु त्यागी व अध्यक्ष शशि कस्तुरीया ने भी अपने विचार व्यक्त किए. परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया. गायिका प्रवीना ठक्कर, कौशल्या अरोड़ा, जनक अरोड़ा , रविन्द्र गुप्ता, प्रतिभा खुराना, सरला बजाज, सुधीर बंसल आदि के मधुर भजन सुनाए.

यह भी पढ़ें 👉  कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत को मिला ‘फेलो ऑफ नेशनल एकेडमी’ (FNA) का सम्मानउत्तराखंड को रसायन विज्ञान में 46 साल बाद मिला दूसरा FNA

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Advertisement