कन्या गुरुकुल परिसर देहरादून के संगीत विभाग हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में कंठ साधना विषय पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई

नैनीताल l कन्या गुरुकुल परिसर देहरादून के संगीत विभाग हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में कंठ साधना विषय पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. कार्यशाला की मुख्य प्रशिक्षिका डॉ. गीतांजली चंद्र रही , जो वर्तमान में लंदन में संगीत साधना के साथ हिन्दुस्तानी शास्त्रीय का प्रशिक्षण भी दे रही है. कार्यशाला के प्रथम सत्र में उन्होंने संगीत के विद्यार्थियों को कहा कि आज के दौर में बच्चे शॉर्ट कट माध्यम से गायन के लिए तत्पर रहते हैं जबकि सच्ची साधना से ही सफ़लता मिलती है उसमें भी कंठ साधना विशेष रूप में अवश्यक है. उन्होंने राग तोड़ी से कार्यशाला का शुभारंभ किया उन्होंने कहा कि 12 बजे से पहले का पहर इस राग के लिए उपयुक्त है. इसके बाद उन्होंने विभिन्न रगों जिसमें राग पीलू, राग जोग आदि की जानकारी तथा गायन किया गया. कार्यशाला में श्री शरद सिन्हा ने तबला पर संगत करी तथा हारमौनियम पर साथ दिया श्री दिनेश कृष्ण जी ने, कार्यशाला के द्वितीय सत्र में डॉक्टर गीतांजलि जी ने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर तथा कई अन्य रागों जिसमें राग भैरव, यमन, झुला आदि का विधिवत्त प्रशिक्षण दिया. परिसर की समन्वयक प्रोफेसर हेमंन पाठक ने स्वागत संबोधन में कहा कि आज हरिबोधीनी एकादशी के पावन पर्व पर आयोजित इस कार्यक्रम से निश्चित रूप में संगीत के साधकों को लाभ मिलेगा l
कार्यक्रम की संयोजिकायें डॉक्टर ममता यादव तथा डॉक्टर सरिता नेगी ने धन्यबाद ज्ञापित किया उन्होंने कहा कि संगीत विभाग के द्वारा समय समय पर छात्राओं के लिए ऐसे विशेष प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की जाती रही हैं. आगे भी कई सुप्रसिद्ध कलाकारों को परिसर में आमंत्रित किया जाएगा. कार्यशाला का संचालन डॉक्टर अर्चना डिमरी द्वारा किया गया. कार्यशाला में विभिन्न संस्थानों तथा विद्यालयों से संगीत के विद्यार्थियों की उपस्थिति रही.










