149 वीं सरदार पटेल जयंती सम्पन्ननिर्भीक व्यक्तित्व के धनी थे सरदार पटेल-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 149 वी जयंती पर गोष्ठी का आयोजन कर स्मरण किया गया।उल्लेखनीय है कि सरदार पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड में 31 अक्टूबर,1875 को हुआ था।भारत को संगठित करने में आपकी विशेष भूमिका रही I सरदार पटेल को भारत की 565 रियासतों का विलय करके अखण्ड भारत के निर्माण के लिए याद किया जाता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सरदार पटेल एक निर्भीक व्यक्तित्व के धनी थे और आधुनिक भारत के शिल्पकार थे,वह स्पष्ट एवं निर्भीक वक्ता रहे उनकी निर्णायक क्षमता अदभुत थी।स्वतन्त्रता के बाद उन्हें भारत का उपप्रधानमन्त्री तथा गृहमन्त्री बनाया गया।गृहमन्त्री होने के कारण रजवाड़ों के भारत में विलय का विषय उनके पास था।सभी रियासतें स्वेच्छा से भारत में विलीन हो गयीं थी,पर जम्मू- कश्मीर, जूनागढ़ तथा हैदराबाद ने टेढ़ा रुख दिखाया।सरदार की प्रेरणा से जूनागढ़ में जन विद्रोह हुआ और वह भारत में मिल गयी।हैदराबाद में आर्य समाज का आन्दोलन व फिर पुलिस कार्यवाही कर उसे भारत में मिला लिया गया।यदि सरदार पटेल न होते तो हिन्दुस्तान का वर्तमान स्वरूप ऐसा न होता, हिन्दुस्तान खण्ड खण्ड में विभाजित होता।रजवाड़ों रियासतों का हिन्दुस्तान में विलय करने का श्रेय सरदार पटेल को ही जाता है।आज आवश्यकता इस बात की है कि हम आजादी का मतलब समझें और राष्ट्र की एकता अखण्डता की रक्षा का संकल्प लें।देश की वर्तमान विषम परिस्थितियों में सरदार पटेल बहुत याद आते हैं आज पुनः उनकी नीतियों पर चलने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पटेल जी के पद चिन्हों पर चल रहे हैं I

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राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र भाई ने कहा कि सरदार पटेल गंभीर चिन्तक, बहुआयामी, आदर्शवादी व व्यवहारिक व्यक्तित्व के धनी थे। राष्ट्र के प्रति उनका प्रेम अद्वितीय था।वर्ष 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया।उस समय प्रान्तीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी।सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी।जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे।वल्लभ भाई पटेल ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया।बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी।अगर आजादी के बाद नेहरू की जगह प्रधानमंत्री सरदार पटेल बनते तो आज कश्मीर व अलगावाद की समस्या नहीं होती।
उतर प्रदेश के प्रान्तीय अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने कहा कि सरदार पटेल के विचार से व्यक्ति की अधिक अच्छाई उसके मार्ग में बाधक है,इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।निडर होकर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने में सर्वदा आगे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने पटेल की जगह नेहरू को प्रधान मंत्री बनवा कर अनर्थ किया। आर्य नेता कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि भारत के राजनीतिक एकीकरण में लौहपुरूष,भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

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