बौद्धिक संपदा अधिकार पर केंद्रित कार्यशाला का आयोजन
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भीमताल l कुमाऊं विश्वविद्यालय के भीमताल स्थित जैव प्रौद्योगिकी विभाग में बौद्धिक संपदा अधिकार सैल कुमाऊं विश्वविद्यालय के द्वारा उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से बौद्धिक संपदा अधिकार विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो दिवान सिंह रावत ने विद्यार्थियों को बौद्धिक संपदा अधिकार पर प्रकाश डालते हुए अपने शोध आविष्कारों का पेटेंट करने हेतु प्रोत्साहित किया एवं कुलपति ने विश्वविद्यालय के ऐसे विद्यार्थी जो नवीन तकनीक और खोज की दिशा में कार्य करेंगे को विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय पोषण किए जाने की भी घोषणा की। उद्घाटन सत्र में उपस्थित विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी निदेशक प्रो संतोष कुमार ने बौद्धिक संपदा के संरक्षण के विभिन्न पहलू पर चर्चा की गई। विशिष्ट अतिथि और कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय के सह नियंत्रक डॉ राजू तिवारी ने बौद्धिक संपदा अधिकार के क्षेत्र में पेटेंट प्रणाली की सरलीकरण की जानकारी दी गई।कार्यशाला की संयोजक प्रो वीना पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यशाला का प्राथमिक उद्देश्य युवा शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को बौद्धिक संपदा अधिकार की बुनियादी सिद्धांतों के बारे में जानकारी प्रदान करना है, वर्तमान में की जारी विभिन्न अनुसंधानों को सुरक्षित करने हेतु भारत सरकार द्वारा प्रचलित नियमों के अनुसार पेटेंट की पद्धति के बारे में कार्यशाला में जानकारी दी गई और बौद्धिक संपदा के स्वामित्व तथा इसकी व्यवसायीकरण को रोकने के लिए विभिन्न प्रावधानों की बारे में शोधकर्ताओं को जानकारी दी गई और कार्यशाला के द्वारा शोधकर्ताओ को बौद्धिक संपदा अधिकार की जटिलताओं को पहचान कर उस हेतु विद्वानों के मध्य आवश्यक पहल करने का भी कार्य भी किया गया। कार्यशाला में भीमताल परिसर निदेशक प्रो एल के सिंह, विभागाध्यक्ष प्रबंध अध्ययन प्रो अमित जोशी, विभागाध्यक्ष फार्मेसी प्रो अनीता सिंह, डीन एक्सटर्नल अफेयर्स प्रो अर्चना नेगी साह, विभागाध्यक्ष जैव प्रौद्योगिकी प्रो तपन नैनवाल, डॉ रिशेंद्र कुमार, डॉ संतोष उपाध्याय, मंजू तिवारी, डा लक्ष्मण सिंह रौतेला, हीरा किरौला, प्रेम बिष्ट, आनंद सिंह सहित सभी शिक्षक, कर्मचारी, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।
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