नैनीताल बेलुवाखान के तोक सौलिया और तल्ला कुण के ग्रामीणों ने सड़क नहीं होने पर धरना प्रदर्शन कर नारेबाजी की पंचायत चुनाव का किया बहिष्कार

नैनीताल जहां लोग 21वीं सदी में प्रवेश कर चुके हैं विज्ञान के युग में कंप्यूटर अपना स्थान ले चुका है तो वही नैनीताल से 10 किलोमीटर दूर सौलिया जमीरा रूसी के ग्रामीण सड़क के लिए लिए मजबूर है।
नैनीताल के आसपास के ग्रामीण कच्ची सड़क होने से दर्द में है। तमाम शिकायत कर चुके ग्रामीण अब सड़क की मांग के साथ पंचायत चुनाव बहिष्कार की धमकी दे रहे हैं।
जब तक वहा रोड नहीं बनेगी तो कैसे ग्रामीण वहां पर वोट देने जाएंगे ग्रामीण कहना है कि यहां पर मोटर मार्ग बनना बनना चाहिए जब तक वहां पर रोड नहीं बनेगी तब तक चुनाव का बहिष्कार करेंगे
अब ग्रामीण आंदोल की राह जाने की ठान ली
नैनीताल शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर बेलुवाखान के तोक सौलिया और तल्ला कुण तक लगभग 4 किलोमीटर सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण कई वर्षी से आंदोलन करते आए हैं। ग्रामीण उनके गाँव को मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए अपने प्रत्यावेदन सरकार और प्रशासन को देते आए हैं। आरोप है कि चुनाव के वक्त जनप्रतिनिधि उनकी मांगों को उच्च स्तर पर रखने का अस्वाशन देते हैं, लेकिन जीतने के बाद वो अपने वादे भूल जाते हैं।
लेकिन इस वर्ष तोक सौलिया व् तल्ला कुण के ग्रामीणों ने पंचायत चुनाव बहिस्कार की घोषणा की है।
ग्रामीणों ने बताया कि 2021 को हुई अतिवृष्टि से जो नुकशान हुए है उसके संबंध में प्रशासन को प्रत्यावेदन दिए गए, लेकिन इनकी सुध अबतक नहीं ली गई। अब मजबूर होकर ग्रामीण आंदोल की राह जाने की ठान रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि 2021 अतिवृष्टि में उनके
पेय जल टैक व पिइस लाईन का कार्य अतिवृष्टि में बह गए।
● ग्राम सौलिया का मुख्य मार्ग में बना पुल्ल भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गया।
● ग्रामीणों की सिचाई कि नहर भी आपदा में बह गई।
● सौलिया ग्राम वासीयों के 6 घरों को खतरा पैदा हो गया है जिसमें 3 परिवार मुख्य रूप में खतरों की जड़ में है।
● ग्राम में बिजली के खंबे खतरे में है जो कि अपनी जगह से खुले नाले में लटके है।
● साथ ही 2023 में एस० टी० पी० रूसी के कुछ हिस्से टूटने से ग्राम सौलिया में खतरा उत्पन्न हुआ है जिसे प्रशासन के संज्ञान मे रखा गया जिसमे आजतक कोई कार्यवाही धरातल पर नही हुई है। मीडिया ने गांव वालों से बात करी तो ग्रामीण रोने लगे उनके आंसू सड़क को लेकर रुक नहीं पा रहे थे।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें मोटरमार्ग नसीब नहीं हुआ है। उन्हें अपने रोजमर्रा के कार्यो के लिए 4 किलोमीटर पैदल उबड़ खाबड़ पथरीले रास्तो से चलकर जाना पड़ता है। उन्होंने रोड नहीं तो वोट नहीं के नारे के साथ ही पंचायत चुनाव बहिष्कार करने की चेतावनी दी है।
भोपाल सिंह भकुनी ने कहा चुनाव का टाइम आ गया है हर 5 साल में चुनाव आते हैं जनप्रतिनिधि आते हैं दावा करते हैं सड़कों का पुलों का लेकिन जीतने के बाद गायब हो जाते हैं । दोबारा दिखाई नहीं देते फिर पांच साल में दिखाई देते हैं वही समस्या को देखते हुए इस बार पंचायत चुनाव का भविष्यकर करें औऱ शासन प्रशासन को दिखाएं कि हमारी समस्याएं क्या है और जनप्रतिनिधी चुने हैं इन समस्याओं को देखें घोड़े नदी पार नहीं हो पा रहे। कैसे जीवन चलेगा और कैसे बच्चे पाले जायेगे और कैसे उनका पेट भरा जाएगा भरा जाएगा
हरीश गढ़िया ने कहा की समस्या विगत पांच वर्षों से है 2021 में यहां पर एक बहुत बडी आपदा आई थी जो कि हमारे इसमें तीन पुल आपदा के भेट चढ़ गए थे। जिसमें हमारे घरों को भी खतरा है और छे परिवारों में से तीन परिवार ऐसे हैं जिसमें आपदा की मार कभी भी पड़ सकती है। इसकी जानकारी शासन प्रशासन समस्त विभागों को भी दी। विभागीय कर्मचारी और अधिकारी यहां पर आए थे और देख कर चले गए अभी तक इसमें कोई भी कार्य नहीं हो पाया इसलिए गांव वासियों ने तय किया है कि इतने वर्षों से हमारे बाप दादाओ समय से वोट देते हुए आ रहे हैं यह क्षेत्र वंचित है दुर्गम क्षेत्र हैँ। नैनीताल जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर की दूरी में गांव बसे हुए हैं इस गांव का शुध लेने वाला कोई नहीं है इसलिए हमने तय किया है पंचायत चुनाव का बहिष्कार का ऐलान किया है इस दौरान किशन भाकुनी, हरीश गढ़िया, कमला देवी ,केसर सिंह मेहरा, लीला मेहरा, गोरा मेहरा भुवन मेहरा, वीरेंद्र मेहरा, अतुल मेहरा, नंदी देवी, कैलाश अधिकारी, निशांत अधिकारी, नीमा अधिकारी, उमा अधिकारी, किरण मेहरा ,राहुल भकुनी, अनिता भकुनी, भास्कर भाकुनी, भूपाल मेहरा, डब्बू मेहरा, गिरजेश मेहरा, दीपा भकुनी, राधा मेहरा, पारस बिष्ट, नरेंद्र मेहरा, मीरा भकुनी, लक्ष्मी देवी ,आदि ग्रामीण धरना प्रदर्शन में मौजूद थे







