कुमाऊँ विश्वविद्यालय, की दो दिवसीय ‘लाइफ स्किल्स’कार्यशाला सम्पन्न

नैनीताल l कुमाऊँ विश्वविद्यालय,, नैनीताल के प्रबंधन अध्ययन विभाग में ‘लाइफ स्किल्स कार्यशाला सम्पन्न हुई। यह कार्यशाला पीएम-यूएसएचए (मेरु) पहल के अंतर्गत आयोजित की जा रही है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ जीवन और करियर में सफलता के लिए आवश्यक कौशलों से सशक्त बनाना है। इस कार्यशाला में एमबीए, फार्मेसी तथा बायोटेक्नोलॉजी विभागों के कुल 170छात्र-छात्राएँ प्रति भाग किया । कार्यशाला में कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के मा. कुलपति प्रो. डी.एस. रावत द्वारा छात्रों को शुभकामना संदेश दिया गया।
विशेषज्ञ प्रॉफ एच सी पोखरियाल कहा कि पारस्परिक संबंध और संघर्ष समाधान: व्यावसायिक और व्यक्तिगत संबंधों का निर्माण और रखरखाव, विभिन्न व्यक्तित्व शैलियों को समझना, और रचनात्मक संघर्ष समाधान और बातचीत की तथा आलोचनात्मक सोच और समस्या समाधान, विश्लेषणात्मक कौशल विकसित करना, संज्ञानात्मक पूर्वाग्रहों को पहचानना, प्रभावी निर्णय लेने की रूपरेखा, और चुनौतियों के लिए रचनात्मक सोच को लागू करना को बताया । कार्यशाला का संचालन प्रो. अमित जोशी और प्रो. अर्चना नेगी शाह द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह पहल विद्यार्थियों को अनुभवात्मक शिक्षा से जोड़ने और उन्हें उद्योग की वास्तविक चुनौतियों के अनुरूप तैयार करने के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है। कार्यशाला के दूसरे दिन, 11 सितम्बर को, नेतृत्व क्षमता, भावनात्मक बुद्धिमत्ता, समय प्रबंधन, अनुकूलन क्षमता और टीम वर्क जैसे विषयों पर विशेष सत्र आयोजित हुए। इनसे विद्यार्थियों की सामूहिक कार्य क्षमता, तनाव प्रबंधन और बदलते व्यावसायिक वातावरण के प्रति अनुकूलन कौशल और अधिक मजबूत होगा। समन्वयक प्रॉफ ललित तिवारी ने बताया कि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व तथा कौशल विकास हेतु कार्यशाला दब तथा भीमताल में इस वित्तीय वर्ष में पुनः आयोजित की जाएंगी । पहले दिन की समाप्ति पर विद्यार्थियों ने अनुभव साझा किए और कहा कि संवाद तथा लचीलापन संबंधी सत्र विशेष रूप से प्रेरक और उपयोगी रहे। कार्यशाला ने उनमें आत्मविश्वास और नई ऊर्जा का संचार किया। इस अवसर पर डॉ. लक्ष्मण रौतेला, डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. दिग्विजय बिष्ट, श्री बी.सी. ध्यानी, श्री आर.सी. तिवारी और श्री किशनंद शर्मा उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों को सक्रिय रूप से भाग लेने और अपने कौशलों को निखारने के लिए प्रेरित किया।
यह आयोजन कुमाऊँ विश्वविद्यालय की उस प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है जिसके अंतर्गत विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास और भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयारी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है।

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