डीएसबी परिसर के भूगोल विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न
नैनीताल। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर स्थित भूगोल विभाग के प्राध्यापक व ऑर्गॅनिशिंग सेक्रेटरी डॉ. पीसी चन्याल ने कहा जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय की स्थानीय वनस्पतियों और जीव-जंतुओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। कई पादप और जीव प्रजातियों की जीवन शैली और आवास में परिवर्तन देखा गया है तथा जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है, जिससे सिंचाई, पेयजल और जलविद्युत उत्पादन में कमी आ सकती है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर स्थित भूगोल विभाग की ओर से तीन दिवसीय हिमालय क्लाइमेट चेंज एवं प्रभाव पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का सोमवार को समापन हुआ। इस दौरान डॉ. चन्याल ने कहा हिमालय में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए स्थानीय समुदायों की भागीदारी और उनकी पारंपरिक ज्ञान को महत्व देना चाहिए। यह स्थानीय जीवकोपार्जन बढ़ने के साथ साथ जलवायु परिवर्तन से सामंजस्य बनाने में सहयोग करेगा। श्रीलंका के प्रो. सुरेश अहलूवालिया ने कहा जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय की हिमनदियां तेजी से पिघल रही हैं, जिससे नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है और समुद्र तल में वृद्धि हो रही है। इससे कुछ ही वर्षों में भारत और श्रीलंका के तट पूरी तरह से जलमग्न हो जाएंगे। यह एक वैश्विक चिंता का विषय है। वहीं चीफ ऑर्गॅनिशिंग सेक्रेटरी डॉ. वाजिद हसन ने कहा हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर अनुसंधान और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना आवश्यक है ताकि लोगों को जलवायु परिवर्तन के खतरों के प्रति सचेत किया जा सके। इसके साथ ही इंडोनेशिया, नाइजीरिया, नेपाल, फिजी, टर्की, सीरिया, मिश्र, अल्जीरिया , श्रीलंका, बांग्लादेश, थाईलैंड, यूनाइटेड किंगडम आदि ने जुड़े विशेषज्ञों ने विचार रखे।
इनको मिले अवार्ड
- बेस्ट रिसर्च पेपर : एमडी प्रतिभा आईसीएचएचआर, बेंगलुरु, सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति
- बेस्ट क्लाइमेट चेंज पेपर : सौरभ चमोली, डीएसबी परिसर नैनीताल।
- वेद प्रकाश, सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति।
- देवी वरप्रसाद रेड्डी, वैज्ञानिक (बागवानी विस्तार), केवीके – वीआर गुडेम, सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति।
- संगीता दास, आईएआरआई, दिल्ली , सर्वश्रेष्ठ मौखिक प्रस्तुति।-
उदय राय गौरव, सरदार बल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी, मेरठ, सर्वश्रेष्ठ पोस्टर प्रस्तुति।
- नगमा (जंतु विज्ञानं -डीएसबी परिसर )- फरेंसिक एंड क्लाइमेट चेंज
- आयुषी – एमिटी यूनिवर्सिटी -कृषि शोध में
- यंग साइंटिस्ट अवार्ड – डॉ सुरेश (श्रीलंका)
- बेस्ट पोस्टर – कलिंगा रायपुर।
- एमिनेंट साइंटिस्ट – डॉ. कुलदीप (कीट और जलवायु परिवर्तन ) वाराणसी
- लाइफ टाइम अचीवमेंट – प्रो. प्रीती (कम्युनिटी साइंस ) बिहार