नव साँस्कृतिक सत्संग समिति के होली महोत्सव में बिखरे विविध रंग

नैनीताल l सरोवर नगरी नैनीताल की पचास वर्ष से भी ज्यादा प्राचीन साँस्कृतिक संस्था नव साँस्कृतिक सत्संग समिति शेर का डांडा द्वारा सात नम्बर स्थित रामलीला प्रांगण में होली महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। होली महोत्सव के दौरान विभिन्न विद्यालयों के 107 बच्चों ने गायन वादन नृत्य आदि विधाओं में अपनी मोहक प्रस्तुतियां दी। साथ ही सैकड़ों महिलाओं ने होली गायन में सामुहिक रूप से प्रतिभाग किया। होली महोत्सव के सफल आयोजन में मुख्य अतिथि अमर मूर्ति शुक्ला सहित विशिष्ट अतिथियों बिशन सिंह मेहता, मनोज पांडे, समिति के अध्यक्ष खुशाल सिंह रावत, सचिव पी सी पांडे, कोषाध्यक्ष विनोद सनवाल, संरक्षक महेश तिवारी, समाज सेवी जीवंती भट्ट, हेमा भट्ट, वीरेंद्र जोशी आदि ने सभी प्रतिभागियों एवं उनके प्रभारियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रमों का संचालन उमेश सनवाल एवं दीपा पांडे द्वारा किया गया। होली आयोजन में अपनी गरिमामयी उपस्थिति हेतु उच्च न्यायालय के वरिष्ट अधिवक्ता अमर शुक्ला, वरिष्ट समाज सेवी जीवंती भट्ट एवं हेमा भट्ट सहित लेक सिटी वैलफेयर क्लब की नव निर्वाचित अध्यक्ष ज्योति ढोंढीयाल एवं सचिव दीपा पांडे, सैनिक स्कूल के प्रधानाचार्य बिशन सिंह मेहता को आयोजकों द्वारा सम्मानित किया गया। महोत्सव के दौरान एकल प्रस्तुति हेतु नन्हें गायक अवर्णिका जोशी, भूमिका बुधलाकोटी एवं देवयानशी पांडे सहित राधा चिल्ड्रेन अकैडमी की शिक्षकों रमा डालाकोटी एवं मीनाक्षी आर्या, राष्ट्रीय शहीद सैनिक स्मारक विद्यापीठ की विमलेश गोस्वामी एवं मधुरलता, सी आर एस टी इण्टर कॉलेज के राजेश कुमार एवं गणेश लोहनी, कुंदन लाल शाह ट्रस्ट नगर पालिका इण्टर कॉलेज ऐशडेल की लता रावत एवं डॉo विनिता पाठक तथा भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के शिक्षकों नेहा एवं जावेद को उनके बच्चों की विशेष प्रस्तुति हेतु समिति की तरफ से प्रतीक चिन्ह प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। समिति की पहल पर पुरुषों द्वारा देर रात्रि तक राग आधारित बैठक होली का आयोजन किया गया। आयोजन को सफल बनाने में ललित मोहन पांडे, इन्द्र सिंह रावत, दीपक जोशी, राजेश जोशी, चंद्र शेखर जोशी, दिनेश जोशी, कुँवर सिंह, विक्की बड़ोला, नवीन चंदोला, चंदन जोशी, हरीश बुधलाकोटी, ललित गोस्वामी, संतोष पांडे, सहित स्वयं सेवी के रूप में संस्कार पांडे, निर्मल जोशी, रौनक बोरा, मोहित सुयाल आदि ने सराहनीय योगदान दिया।

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