ऐपन और मधुबनी राखियां तैयार कर रहे हैं घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी के बच्चे, इस साल राखी के सुअवसर पर

नैनीताल l घनश्याम ओली चाइल्ड वेलफेयर सोसायटी में चन्द्रा भट्ट की अध्यक्षता में बच्चे कुमाऊनी लोक कला ऐपन और उत्तर भारत की लोक कला मधुबनी पर आधारित राखियों का निर्माण कर रहे हैं। एक तरफ जहां वातावरण को सुरक्षित करने का संदेश देते हुए बच्चे सीड राखी बना रहे हैं वहीं लोक कला ऐपन और मधुबनी कला से बनी राखियां सबका मन मोह रही हैं। चन्द्रा भट्ट द्वारा ऐपन और मधुबनी की बारीकियां बच्चों को सिखाई जा रही हैं और हाथ से बनी राखियां लोगों को पसंद भी आ रही हैं। संस्था पिछले 10 वर्षों से कश्मीर और चीन बॉर्डर पर तैनात जवानों के लिए हाथों से बनाकर राखियां भेजती है और उसी क्रम में इस बार भी वह 30,000 हजार से अधिक जवानों के लिए राखियां तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा संस्था के बच्चों की मेहनत से लोक कला ऐपन को जर्मनी , अमेरिका और जापान तक पहचान मिल रही है और लोग बच्चों के द्वारा बनाई गई राखियों को ऑर्डर कर रहे हैं। संस्था में रहने और पढ़ने वाले बच्चे कौशल विकास के तौर पर यह कार्य करते हैं , जिसकी सराहना भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और प्रदेश के मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं।
राखियां बनाने का मुख्य उद्देश्य कौशल विकास करना और अपनी लोक कला ऐपन से पूरे विश्व को जोड़ना है। इस कार्य में संस्था की प्रेमा, मुस्कान, लक्ष्मी, शिवानी, गंगा, कृष्णा, मंजू, अंशु मीनाक्षी सपना आदि अहम भूमिका निभा रहे हैं।









