नैनीताल के कला प्रेमियों ने लोक गायक प्रहलाद मेहरा को दी श्रद्धांजली। समाजिक सरोकारों के लोक गायक थे प्रहलाद मेहरा। श्रद्धांजलि सभा में वक्ताओं ने कलाकारों के लिए एक कल्याण कोष स्थापित किए जाने की मांग की
नैनीताल l उत्तराखण्ड के साँस्कृतिक जगत के जन नायक के रूप मे अपने गीतों के माध्यम से पहाड़ का दर्द उकेरने वाले लोक प्रिय लोकगायक प्रहलाद मेहरा के 10 अप्रैल को हुए असामयिक निधन पर सरोवर नगरी नैनीताल के कलाकारों ने एक शोक सभा कर श्रद्धांजलि प्रदान की।
श्रद्धांजली सभा में वक्ताओं ने प्रहलाद मेहरा से जुड़े अपने अनुभवों को साझा किया। वरिष्ठ कलाकार मिथिलेश पांडे ने इस बात पर विशेष बल दिया कि स्वर्गीय प्रहलाद मेहरा ने हमेशा लोक विधाओं को उनके मूल स्वरूप में संरक्षित करने का प्रयास किया।
सभा का संचालन करते हुए मदन मेहरा ने कहा कि कलाकारों को प्रोत्साहन करने के लिए ठोस नीतियां बनाने की भी जरूरत है राजीव लोचन शाह ने कहा कि आधुनिकता के दौर मे नाचने गाने तक सीमित हो चुके पहाड़ी गानों के बजाय स्वर्गीय मेहरा ने हमेशा सामाजिक मूल्यों को अपने गानों मे प्रथमिकता दी।
रंग कर्मी शिक्षक डॉo हिमांशु पांडे ने कहा कि प्रहलाद मेहरा के जीवन से हम सभी कलाकारों को सादगी और सहयोग की भावना की सीख मिलती है।
श्रद्धांजलि सभा में डी के शर्मा, जहूर आलम, राजीव लोचन शाह, विनोद पांडे, डॉo विजय कृष्ण, मिथिलेश पांडे, नवीन बेगाना, अदिति खुराना, दीपा, योगिता, नीरज डालाकोटी, किशन लाल, मदन मेहरा, अनवर रजा, डॉo हिमांशु पांडे, पवन कुमार, अनिल कुमार, चित्रा, चंद्र रश्मि आदि उपस्थित थे