गोबर-आधारित दीया निर्माण प्रशिक्षण का सफल समापन: महिलाओं के लिए हरित उद्यमिता की ओर एक सशक्त पहल

ऋषिकेश (श्यामपुर खदरी खडग माफी, गुलजार फार्म) – ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें पर्यावरण अनुकूल हरित व्यवसायों से जोड़ने की दिशा में एक सराहनीय पहल के तहत पाँच दिवसीय ‘गोबर आधारित दीया निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का सफलतापूर्वक समापन हो गया। यह कार्यक्रम स्पेक्स देहरादून एवं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकोस्ट), देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य था महिलाओं को स्थानीय संसाधनों, विशेषतः गोबर का उपयोग करते हुए, इको-फ्रेंडली, जैव-अपघटनीय दीयों के निर्माण का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना, जिससे वे पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर भी अग्रसर हो सकें।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि मृदा एवं कृषि वैज्ञानिक श्री हरी राज सिंह एवं मौसम विशेषज्ञ श्री बालेन्दु जोशी ने प्रतिभागियों को प्रेरित किया। श्री सिंह ने महिलाओं की सक्रिय भागीदारी की सराहना करते हुए इस प्रयास को महिला सशक्तिकरण और हरित व्यवसाय के समागम का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। उन्होंने प्रतिभागियों को व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाने और इस कार्य को रोजगार के रूप में विकसित करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।
श्री बालेन्दु जोशी ने इसे सतत विकास, स्थानीय उद्यमिता और पर्यावरणीय संरक्षण की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि – “सफलता तभी मिलती है जब पूरी टीम एकजुट होकर लगन से कार्य करे।”
कार्यक्रम समन्वयक नीरज उनियाल ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कुल 1,470 इको-फ्रेंडली दीए बनाए गए, जो पूर्णतः बायोडिग्रेडेबल हैं। ये दीए उपयोग के पश्चात खाद में परिवर्तित हो सकते हैं, जिससे स्वच्छ भारत मिशन एवं पर्यावरणीय संरक्षण को बल मिलता है। स्पेक्स अध्यक्ष डॉ. बृज मोहन शर्मा ने प्रशिक्षण के सामाजिक और आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि – “इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण एवं अर्ध-शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को ग्रीन बिजनेस से जोड़ना है।” उन्होंने इस पहल को सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) के अनुरूप बताते हुए आगामी दीपावली तक दो लाख दीयों के निर्माण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया। डॉ. शर्मा ने सभी महिलाओं को स्पेक्स द्वारा निरंतर ब्रांडिंग, विपणन और वितरण में सहयोग का आश्वासन देते हुए आह्वान किया कि – “इस कार्य को केवल रोजगार नहीं, बल्कि एक सामूहिक जिम्मेदारी समझें, जिससे प्रत्येक दीया न केवल बाजार तक पहुंचे, बल्कि महिलाओं की आमदनी और आत्मबल भी बढ़े।”
प्रशिक्षण की प्रतिभागी श्रीमती इशा कलूडा चौहान ने स्पेक्स और यूकोस्ट के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि सभी महिलाएं पूर्ण निष्ठा से अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास करेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि – “इस प्रकार के तकनीकी प्रशिक्षण और संस्थागत सहयोग महिलाओं के कौशल विकास और आर्थिक स्वतंत्रता में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।”
इस कार्यक्रम में 30 महिलाओं ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से सोनिया बलोदी, रंजना रयाल, अमीषा गैरोला, ममता श्याल, संतोषी राणा आदि शामिल रहीं। सभी प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को अत्यंत लाभकारी बताते हुए भविष्य में भी इस प्रकार की पहल का हिस्सा बनने की इच्छा व्यक्त की।







