कौशल का दशक” की ओर सशक्त कदम – उत्तराखंड में नेचुरलिस्ट और एडवेंचर स्किल्स ट्रेनिंग के माध्यम से 520 युवाओं को प्रशिक्षित किया गया

भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा वर्ष 2015 में शुरू किए गए “स्किल इंडिया मिशन” को 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभर में “कौशल का दशक” (Kaushal Ka Dashak) कार्यक्रमों की श्रृंखला चलाई जा रही है। इस ऐतिहासिक अवसर को चिह्नित करते हुए, पर्यटन और हॉस्पिटैलिटी स्किल काउंसिल (THSC) और अंतरराष्ट्रीय संस्था VISA के संयुक्त प्रयासों से उत्तराखंड राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में प्रकृति और साहसिक पर्यटन से संबंधित दो महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए — “नैचरलिस्ट ट्रेनिंग प्रोग्राम” और “पैराग्लाइडिंग ग्राउंड क्रू ट्रेनिंग”।
इन कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य के 520 से अधिक युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण दिया गया। इनमें से 320 प्रतिभागियों ने “नैचरलिस्ट” यानी प्रकृति मार्गदर्शक बनने का प्रशिक्षण प्राप्त किया, जबकि 200 से अधिक युवाओं को पैराग्लाइडिंग जैसे साहसिक खेलों के ग्राउंड क्रू संचालन में दक्षता प्रदान की गई। यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क रहा, और सभी प्रतिभागियों को स्किल इंडिया का पंजीकरण कर भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
उत्तराखंड के विविध भौगोलिक और सांस्कृतिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन राज्य के प्रमुख स्थलों — देहरादून, साहिया (जौनसार), कोटद्वार, रुद्रप्रयाग, लोहाजंग (चमोली), ऋषिकेश, नैनीताल और काठगोदाम में किया गया। इन क्षेत्रों में प्रशिक्षुओं को वन्यजीवों, जैव विविधता, पर्यावरण संरक्षण, ट्रैकिंग मार्गदर्शन, स्थानीय संस्कृति और सतत पर्यटन के पहलुओं पर गहन जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण में क्षेत्रीय स्तर पर अनुभवी प्रशिक्षकों के साथ-साथ वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, वाइल्डलाइफ रिसर्चरों, एडवेंचर टूरिज्म विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने व्याख्यान और फील्ड वर्कशॉप्स के माध्यम से छात्रों को सशक्त किया। यह प्रशिक्षण न केवल व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार एवं गाइडिंग क्षेत्र में नई पहचान दिलाने का भी माध्यम बना।
नैचरलिस्ट प्रशिक्षण विशेष रूप से उन लोगों के लिए प्रभावी सिद्ध हुआ जो पहले से गाइडिंग, ट्रैकिंग, वन व पर्यटन क्षेत्र में कार्यरत थे। इस प्रशिक्षण ने उनके ज्ञान को संरचित किया और प्रमाणित रूप से उन्हें नई ऊंचाई प्रदान की। वहीं, पैराग्लाइडिंग ग्राउंड क्रू प्रशिक्षण ने युवाओं को साहसिक पर्यटन उद्योग से जोड़कर उन्हें विशेष कौशल के साथ रोजगार के लिए तैयार किया।
इस अभियान के माध्यम से THSC और VISA ने उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र की संभावनाओं को स्थानीय युवाओं के लिए अवसरों में बदला है। यह पहल ‘विकसित भारत @2047’ की संकल्पना को धरातल पर उतारने की दिशा में एक मील का पत्थर है।