अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस पर विशेष

दोस्त वो जो सब बातों में अपना साथी ,सहायक, समर्थक और शुभचिंतक हो आपके अनुरूप रहनेवाला और हमारा हित चाहनेवाला है जिसे बंधु , सखा । सुहृद व दोस्त कहते है ।
दोस्ती में हदों की कैद में रहा नहीं जाता,हदें पार की जाती हैं
दोस्ती वो पवित्र देहलीज है, जहाँ से सुकून की बहार आती है…”
दोस्ती हमारे जीवन का आदर्श संबंध है जो हमें संजोती है, और हमें सुख-दुख में साथ देती है।
दोस्त को ही मित्र , यार,
,सहयोगी ,सखा ,मित्र, संगी ,
साथी, याराना, मित्रता ,सखा,
सखावत ,साथीपन ,मित्रवत , नाम से भी जाना जाता है ।हमारा दोस्त आत्मीय सब्द है जो हमे प्रफुल्लित करता हैं । मित्रवत व्यवहार से प्रभावित होकर दोस्ती शुरू होती हैं और विश्वास पर टिका यह रिश्ता सदाबहार है। दोस्त हमेशा आपको सही सलाह देता है, आपकी फ्रिक, चिंता एवम आपकी खुशियों में खुश होता है। आज के दौर में लोगों के पास कई सारे दोस्त होते हैं।
मित्रता मानसिक स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए अच्छी है। मनुष्य अपने जीवनकाल में सैकड़ों दोस्त बनाते है किंतु स्थिरता कितनी से रहती है ।
जानवर के भी दोस्त होते है ।
विनी द पूह को 1997 से संयुक्त राष्ट्र द्वारा मैत्री का राजदूत नामित किया गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया में लोगों के बीच शांति, सुरक्षा और सद्भाव को बढ़ावा देने में मदद के लिए अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस की शुरुआत की।
यह दिवस एक साथ मिलकर गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है जहां वे अन्य संस्कृतियों को, साझा कर सकते हैं और उनकी सराहना कर सकते हैं।
मित्रता दिवस मानवता के बारे में अच्छी चीजों का जश्न मनाने के लिए सुरु हुआ और शांति और अहिंसा की संस्कृति से जुड़ा है।
एक अच्छी दोस्ती के लिए विश्वास और सम्मान वास्तव में महत्वपूर्ण हैं। पुष्प बनकर हँसना जिन्दगी है,
खुश होकर दुःख भूल जाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना हमारी जिन्दगी है या फिर कहे की वो दोस्ती ही क्या जिसमे आप जैसा यार न हो,
वो यार ही क्या जिसके लिए हमारे दिल में प्यार न हो,
वैसे तो हम सब कुछ लुटा सकते हैं,
और वो जिन्दगी ही क्या जो दोस्त पर जान निसार न हो
दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जो आपसी स्नेह, विश्वास और सम्मान पर आधारित होता है। दोस्त एक दूसरे का साथ देते हैं, अच्छे और बुरे समय में एक दूसरे के लिए मौजूद रहते हैं, और एक दूसरे को स्वीकार करते हैं जैसे वो हैं। दोस्ती एक ऐसा रिश्ता है जिसमें कोई मतभेद नहीं होता है। हम तो अपने दोस्तों के सारे गम चुरा लेते हैं,
दोस्ती का रिश्ता बख़ूबी निभा लेते हैं,
हम अपने दोस्तों से इतना प्रेम करते हैं,
की दुश्मन भी हमसे दोस्ती करने का इरादा बना लेते है। जब दोस्ती होती है तो दोस्ती होती है और दोस्ती में कोई अहसान नहीं होता।
आप सबको अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की बधाई ।शुभ हो doctor Lalit Tiwari







