माइंड पावर यूनिवर्सिटी में पर्यावरण संरक्षण और स्थायी भविष्य पर मंथन, प्रकृति और प्रगति के संतुलन पर वक्ताओं ने रखे विचार

नैनीताल। माइंड पावर यूनिवर्सिटी में ‘सभी की साझा जिम्मेदारी: जानवरों और लोगों के लिए एक स्थायी भविष्य का निर्माण’ विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें देशभर से आए शोधार्थियों, शिक्षकों और छात्रों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ एप्लायड साइंसेज के चेयरमैन एवं पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बीएस बिष्ट तथा नीलम यूनिवर्सिटी हरियाणा के डीन (एकेडमिक) डॉ. आरके गुप्ता शामिल रहे। डॉ. बिष्ट ने कहा कि विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विज्ञान और तकनीकी प्रगति के साथ प्रकृति का संरक्षण भी समान रूप से जरूरी है, ताकि भविष्य की पीढ़ियों के लिए पृथ्वी को रहने योग्य बनाया जा सके। डॉ. आरके गुप्ता ने कहा कि यदि समय रहते पर्यावरण संरक्षण के लिए संयुक्त प्रयास नहीं किए गए तो इसके भयानक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने लोगों से अपनी सोच में बदलाव लाने और पर्यावरण हितैषी जीवनशैली अपनाने का आह्वान किया। विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. योगेश कुमार ने मुख्य अतिथियों और शोधार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि मदर नेचर के प्रति सम्मान और संसाधनों के संरक्षण के बिना हम आने वाली पीढ़ियों को बेहतर जीवन नहीं दे सकते। डॉ. बृजेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय को प्रकृति की गोद में स्थापित किया गया है ताकि विद्यार्थियों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित की जा सके। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चुनौतियों पर भी अपने विचार रखे। रजिस्ट्रार डॉ. हृदेश तथा वाइस चांसलर डॉ. श्वेता भोसले ने भी अपने विचार साझा किए। प्रो वाइस चांसलर डॉ. पवन दासमाना ने सम्मेलन की सफलता में योगदान देने वाले सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डायरेक्टर कम्युनिकेशन केडी सिंह ने किया और उन्होंने ही धन्यवाद ज्ञापन भी प्रस्तुत किया। इस अवसर पर डीन एडमिशन डॉ. सुरेश कुमार, डायरेक्टर वोकेशनल ट्रेनिंग उदय प्रताप सिंह, डॉ. विकास, डॉ. रमन, देवेंद्र बोहरा, विपिन चंद्र पांडे आदि रहे।















