लेखक गांव देहरादून में पहली बार होगा स्पर्श गंगा महोत्सव

नैनीताल। 17 दिसंबर को पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी प्रदेश की समस्त शिक्षण संस्थाओं में ‘स्पर्श गंगा’ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसी क्रम में इस वर्ष पहली बार ‘स्पर्श गंगा महोत्सव 2025’ का आयोजन लेखक गाँव, थानो (देहरादून) में किया जा रहा है।
यह आयोजन स्पर्श गंगा अभियान, नमामि गंगे, हिमालयन एजुकेशनल रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसाइटी (हर्ड्स), हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय, कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल तथा स्पर्श हिमालयीय विश्वविद्यालय, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न होगा। महोत्सव के मुख्य अतिथि पूर्व केंद्रीय शिक्षामंत्री एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ होंगे।
स्पर्श गंगा अभियान अपने स्थापना वर्ष 2009 से प्रकृति, पर्यावरण और संस्कृति रूपी त्रिवेणी के संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहा है। अभियान का प्रमुख उद्देश्य राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े लगभग 55 हजार छात्र-छात्राओं के साथ ही विद्यालयी छात्रों, शिक्षकों और आम जनमानस को हिमालय से उद्गमित गंगा एवं उसकी स्पर्श गंगाओं की सततता, निर्मलता और संरक्षण के प्रति जागरूक करना रहा है। इसके अंतर्गत वृक्षारोपण, पॉलीथीन उन्मूलन तथा स्वच्छता अभियानों का नियमित संचालन किया जाता है।
अभियान के प्रहरियों द्वारा केदारनाथ सहित उत्तराखंड में आई विभिन्न दैवीय आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में जन-धन की रक्षा हेतु उल्लेखनीय योगदान दिया गया है। इसी सफल यात्रा को जन-जन तक पहुँचाने तथा भविष्य की कार्ययोजना तय करने के उद्देश्य से 17 दिसम्बर 2025 को स्पर्श गंगा दिवस के अवसर पर यह महोत्सव आयोजित किया जा रहा है, जिसमें प्रदेशभर से स्पर्श गंगा प्रहरी, शिक्षाविद्, पर्यावरणविद्, साहित्यकार, शोध छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता एवं स्कूली छात्र-छात्राएँ प्रतिभाग करेंगे।
इस अवसर पर हर्ड्स के तत्वावधान में विगत छह वर्षों से गंगा एवं उसकी सहायक नदियों, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन, आपदा प्रबंधन तथा रक्तदान जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले प्रदेश के पाँच शिक्षकों को ‘स्पर्श गंगा शिक्षाश्री पुरस्कार 2025’ से सम्मानित किया जाएगा। प्रत्येक चयनित शिक्षक को 11 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। साथ ही इस वर्ष से ‘स्पर्श गंगा सम्मान’ की भी शुरुआत की जा रही है।
स्पर्श गंगा सम्मान मरणोपरांत अभियान के संस्थापक सदस्य स्व. मोहन नैथानी को प्रदान किया जाएगा।
स्पर्श गंगा शिक्षाश्री पुरस्कार 2025 के अंतर्गत शिक्षा में नवाचार के लिए हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ममता आर्या, पर्यावरण संरक्षण के लिए राजकीय जूनियर हाई स्कूल पाटुली (थलीसैंण) के सहायक अध्यापक श्री बीरेंद्र दत्त गोदियाल, समाज सेवा के लिए राजकीय इंटर कॉलेज डोकरा, भुजियाघाट नैनीताल के प्रवक्ता श्री धीरेंद्र जोशी, सांस्कृतिक संरक्षण एवं संवर्धन के लिए पीएम श्री राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कोटाबाग की प्रवक्ता श्रीमती अनुराधा पांडेय तथा ग्रामीण विकास एवं आजीविका संवर्धन के लिए जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर के विभागाध्यक्ष प्रो. जय प्रकाश जायसवाल को चयनित किया गया है।
इसके अतिरिक्त स्पर्श गंगा प्रशस्ति पत्र 2025 प्रो. जगमोहन सिंह नेगी, डॉ. कुंवरपाल सिंह, प्रो. प्रभाकर मणि काला, डॉ. महेंद्र सिंह पंवार तथा श्रीमती बीना फुलेरा को प्रदान किया जाएगा।
स्पर्श गंगा अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक एवं हर्ड्स के सचिव प्रो. अतुल जोशी ने बताया कि सभी सम्मानित शिक्षकों का चयन उनके शैक्षिक नवाचार, शोध कार्य एवं सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। इस वर्ष की चयन समिति में पद्मश्री सम्मानित पर्यावरणविद् कल्याण सिंह रावत ‘मैती’, प्रो. अतुल जोशी, सुश्री विदुषी निशंक, प्रो. प्रभाकर बड़ोनी, डॉ. एस.डी. तिवारी, प्रो. सी.एस. जोशी, डॉ. सर्वेश उनियाल तथा हर्ड्स के अध्यक्ष श्री के.के. पांडेय शामिल रहे।







