मूक बधिर कलाकार लाली राम व बॉबी बिष्ट ने किया दर्शकों को प्रभावित। 53 वर्ष से जुड़े हैं खुशाल रावत एवं पी सी पांडे



नैनीताल l नव साँस्कृतिक सत्संग समिति, शेर का डांडा नैनीताल की एक विशेष प्रस्तुति के रूप में पिछले 40 वर्षों से लगातार काली माता की जीवंत भूमिका लाली राम जी द्वारा निभाई जा रही है। संचालन करते हुए समिति के वरिष्ठ सदस्य उमेश सनवाल ने बताया कि लगभग अस्सी वर्षीय लाली राम मूक बधिर हैं, यानी ये ना तो सुन सकते हैं और ना ही बोल सकते हैं, फिर भी बिना बताये प्रत्येक दशहरे को काली के अभिनय हेतु स्वयं उपस्थित हो जाते हैं। रामलीला मंचन के दौरान अहिरावन राम लक्ष्मण को काली के सामने बलि देने ले लिए उठा ले जाता है। तब हनुमान द्वारा उन्हें बचाया जाता है। शेर का डांडा में पिछले एक दशक से अधिक समय से मूक बधिर युवा बॉबी बिष्ट विभिन्न भूमिकाओं से दर्शकों के बीच अपनी अमिट छाप छोड़ने में सफल रहे।
एक नए प्रयोग के रूप में डॉo हिमांशु पांडे एवं गणेश लोहनी के नेतृत्व में संचालित साँस्कृतिक प्रश्नोत्तरी के जूनियर वर्ग में भावेश, तनु, रेखा, भार्गवी एवं मीनाक्षी ने बाजी मारी जबकि महिला वर्ग में श्रीमती हेमा, कल्पना, प्रीता, लता, मुन्नी ने सही जवाब देकर प्रतियोगिता को रोचक बनाया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्याम नारायण जी को वीरेंद्र जोशी एवं कंचन चंदोला द्वारा सम्मानित किया गया, साथ ही विशिष्ट अतिथि के रूप मे ए एन सिंह एवं मनोज पांडे उपस्थित रहे। इस अवसर पर वरिष्ठ सदस्यों सुरेश कांडपाल, कंचन चंदोला, वीरेंद्र जोशी एवं प्रकाश चंदोला द्वारा रामलीला मंचन की ऐतिहासिक जानकारी देते हुए बताता कि समिति के अध्यक्ष खुशाल रावत एवं सचिव पी सी पांडे भी पिछले तिरपन वर्षों से लगातार अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं। जबकि मेकअप में इंद्र सिंह रावत, दीपक जोशी एवं चंद्र शेखर जोशी द्वारा विगत तीन दशकों से सेवाएं दी जा रही हैं।
आयोजन में संतोष पंत, ललित गिरी, महेश तिवारी, कैलाश जोशी, चारु पंत, विनोद सनवाल, हरीश बिष्टनिया, प्रकाश जोशी, पंकज वर्मा, वीरेंद्र बिज्जी, भैरव बिष्ट, विक्की, नीरज, हिमांशु, सार्थक, मयंक, सार्थक, अस्मिता, आदि द्वारा योगदान दिया गया।

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