‌श्रीमद देवी भागवत कथा का चतुर्थ दिवस।आलेख व संकलन- बृजमोहन जोशी।

नैनीताल। श्री मां नयना देवी स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट नैनीताल द्वारा आयोजित दिनांक ०७ -०६- से १५ – ०६ – २०२४ तक नौ दिवसीय श्रीमद् देवी भागवत कथा के आज चतुर्थ दिवस प्रातःकाल आचार्य नरेंद्र पाण्डे, कैलाश चंद्र लोहनी, ललित जोशी द्वारा समस्त देवी देवताओं का पूजन किया गया। आज कि पूजा के मुख्य यजमान मनोज चौधरी श्रीमती देवन चौधरी, महेश भट्ट, श्रीमती मुन्नी भट्ट।
कथा के आज चतुर्थ दिवस कि कथा का शुभारंभ व्यास पण्डित मनोज कृष्ण जोशी जी ने सबसे पहले आयोजकों श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट परिवार को, उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं का अभिनन्दन किया,आभार व्यक्त किया।
श्रीमद् देवी भागवत व श्री हनुमान जी पुराणों को प्रणाम, नयना देवी को प्रणाम को करते हुए मंगलाचरण करते हुए इस भजन के महत्व को भी समझा कि- आनन्द मयी चैतन्य मयी भजन में मां भगवती के तीनों रूप (शत,चित, आनन्द) तीनों रूप हमें देखने को मिलते हैं।
व्यास जी ने कल कि महाभारत कि कथा को आगे बढ़ाते हुए बतलाया कि किसी संत ने कहा है कि -कथा मां है। श्रोता उसका बालक,और मां शब्द रूपी कथा से उसे भिगोती है। भगवती की कथा हमें मरना सिखाती है। मृत्यु तो सत्य है हम सभी को मरना है पर मरो तो ऐसे मृत्यु महामहोत्सव हो जाए।
गंगा भी दो है। एक भागीरथी। जिसमें स्नान करने से हमारे पाप धुल जाते हैं।और दूसरी है – कथा गंगा। कथा गंगा जो पाप करने कि परवर्ती को ही समाप्त कर देती है।इसके उपरांत उन्होंने महाभारत में किस तरह पाण्डवों, कौरवों का जन्म हुआ इस पर प्रकाश डाला।
व्यास जी ने कहा हमें ईश्वर पर विश्वास होना चाहिए। इसके लिए व्यास जी ने वर्तमान परिप्रेक्ष्य में चाकू के बहाने एक उदाहरण दिया। कि डाकू और डाक्टर दोनों चाकू का प्रयोग करते हैं एक प्राण लेने के लिए दूसरा जीवन देने के लिए । हमें भगवान पर विश्वास होना चाहिए और विश्वास होने पर सर्व कार्य सिद्ध हो जाते हैं।
परमात्मा कि कृपा सब पर बरकरार होती है। वो किसी के साथ भेदभाव नहीं करते। इसके लिए व्यास जी ने वर्षा का उदाहरण दिया कि बर्षा तो सब जगह बरकरार होती है।हम वर्षा के जल को जो छत से गिरता है उसे अपने अपने पात्रों में भरते हैं अब यह पात्र पर निर्भर करता है कि कितना जल मिला।
व्यास जी ने कहा कि हमारे वहां नारी को पूजा जाता है मां को पूजा जाता है। हमारे वहां सीता राम, राधे श्याम,गौरी शंकर, लक्ष्मी नारायण कहा जाता है। हमारे वहां राम रावण, कृष्ण कंस कि पूजा नहीं होती मां कि पूजा होती है। दुर्गा कि पूजा होती है ।
इसके बाद आरती में सभी श्रृद्धालु भक्त जन ने आरती में भाग लिया तथा प्रसाद प्राप्त किया। कथा गायन के सहायक संगीत कारों – गीत कारों के द्वारा बहुत ही भक्ति मय भजनों के साथ गायन किया गया।
भजन गायकों वादकों में नीरज मिश्रा,लोकेश,आकाश नैनवाल, मनोज उप्रेती विवेक व प्रकाश ने उत्कृष्ट भजन सुनाए।
कल पांचवें दिन कि कथा का शुभारंभ ३ बजे से ६ बजे तक होगा। इस उपलक्ष्य पर श्री मां नयना देवी अमर उदय ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव लोचन साह, घनश्याम लाल साह, प्रदीप साह, महेश लाल साह, हेमन्त साह,यादव, राजीव दूबे, भीम सिंह कार्की, तथा श्री मां नयना देवी मंदिर के समस्त आचार्य भी मौजूद रहे।
कल कथा ३ बजे से ६ बजे तक होगी।
इस महा यज्ञ में आप सभी श्रृद्धालु भक्त जन सादर आमंत्रित हैं, मां नयना देवी आप सभी का मनोरथ सिद्ध करें।

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