श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा छठे दिन भी जारी रहा

नैनीताल। श्रीमद भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ कथा के छठे दिन कथा व्यास भगवती प्रसाद जोशी द्वारा ने कथा का शुभारंभ -गणपति वन्दना – गाईये गणपति जग वंदन शंकर सुवन भवानी के नन्दन ,व मधुराषटकम -अधरं मधुरं वदंन मधुरं ,नयनं मधुरं हसितं मधुरं तथा ॐ नमो वासुदेवाय नमः भजन को गाकर किया।
उन्होंने कहा कि हरि अनन्त हरि कथा अनंता है । आज उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण कि लीलाओं की विस्तार पहले उन्हें जो अनुभूति हो रही है उसे श्रृद्धालु भक्तो के समक्ष सांझा किया कि नैनीताल के बहाने जल के महत्व पर तथा भविष्य में जल के सकंट व पानी की समस्या व उसके महत्व पर विस्तार पूर्वक जानकारी ,
श्रीकृष्ण कि लीलाओं से आरम्भ कि जिसमें कुबजा के उद्धार,कंस वध, उद्धव श्री कृष्ण प्रसंग, जरासंध जो कंस का साला था उसका बलराम द्वारा वध तथा रुक्मिणी से श्रीकृष्ण का पहला विवाह,दूसरा विवाह पृथ्वी से,तीसरा विवाह जामवंती से भगवान श्रीकृष्ण के कुल 16108विवाहो की जानकारी व शिशुपाल वध,बाल सखा सुदामा चरित्र तथा यदुवंशी को किस प्रकार श्राप मिला तथा वो किस प्रकार नष्ट हुए इस कथा को विस्तार पूर्वक बतलाया। उन्होंने कहा कि-पुरूष बली होत नहीं समय होत बलवान।
कल श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के परायण का शुभारंभ प्रातः 8बजे से पूजा मण्डल में -गणेश पूजन, पंचांग पूजन,वास्तु पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, सर्वत्तोभद्र, राधाकृष्ण पूजन, तुलसी पूजन,हवन, शय्या दान,गौ दान, व्यास पूजन तथा 1बजे से 4 बजे तक भण्डारे का आयोजन किया जायेगा।
व्यास भगवती प्रसाद जोशी जी ने सभी श्रृद्धालु भक्तो से सपरिवार इस प्रसाद को ग्रहण करने व अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया गया।

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