शैल कला संस्था ने होली मिलन का आयोजन किया

नैनीताल l होलिका दहन के शुभ अवसर पर शैल कला एवं ग्रामीण विकास समिति के तत्वावधान में रंगों का त्योहार होली मिलन का आयोजन संस्था कार्यालय में आयोजित किया गया है l
स्वामी ने अपने उदबोधन में कहा यह पर्व हिन्दुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसमें होली के एक दिन पहले यानी पूर्व सन्ध्या को होलिका का सांकेतिक रूप से दहन किया जाता है, होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत के पर्व के रूप में मनाया जाता है।
हिरण्यकशिपु का ज्येष्ठ पुत्र प्रह्लाद, भगवान विष्णु के परम भक्त थे पिता के लाख कहने के बावजूद प्रह्लाद विष्णु की भक्ति करते रहे दैत्य पुत्र होने के बावजूद नारद मुनि की शिक्षा के परिणाम स्वरूप प्रह्लाद महान नारायण भक्त बने, इस कारण से असुराधिपति हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र को मारने की भी कई बार कोशिश की परन्तु भगवान नारायण स्वयं प्रह्लाद जी की रक्षा करते रहे और उनका बाल भी बांका नहीं हुआ।
असुर राजा की बहन होलिका को भगवान शिव से ऐसी चादर मिली थी जिसे ओढ़ने पर अग्नि उसे जला नहीं सकती थी। होलिका उस चादर को ओढ़कर प्रह्लाद को गोद में लेकर चिता पर बैठ गई। दैवयोग से वह चादर उड़कर प्रह्लाद के ऊपर आ गई, जिससे प्रह्लाद की जान बच गई और होलिका जल गई। इस प्रकार हिन्दुओं के कई अन्य पर्वों की भाँति होलिका-दहन भी बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है।
यह पर्व फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है, इस वर्ष व्रत पूर्णिमा 13 मार्च के दिन है भद्रा का विचार भी है इसलिए होलिका दहन भद्रा के पश्चात करना चाहिए अर्थात् होलिका दहन आज 13 की रात्रि 11:31 के बाद करना चाहिए।
इस अवसर पर संस्था के संस्थापक अध्यक्ष-स्वामी एस. चन्द्रा, आनंद स्वरूप, पूजा चन्द्रा, मनीष, आदित्य नैय्यर, श्रीमती नीता, श्रीमती निशा, अरविंद मनराल, अभ्यंश चन्द्रा, अदिति, अमिषी, देवेन्द्र सिंह उपस्थित रहे तथा सभी ने एक दूसरे को रंग का टीका लगाकर फूलों से होली खेली l