शिक्षा, स्वत्व बोध एवं राष्ट्र-नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवन यात्राविषय पर आयोजित संगोष्ठी

    

में भारतीय शिक्षण मंडल उत्तराखंड प्रान्त के तत्वावधान में शिक्षा, स्वत्व बोध एवं राष्ट्र : नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवन यात्रा विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री संजय जी प्रचार प्रमुख उत्तराखंड प्रान्त (विश्व संवाद केंद्र), चन्द्रगुप्त विक्रम, माननीय संघचालक देहरादून महानगर उत्तर, मयंक खंडूरी, नगर कार्यवाह केशव नगर ने कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. संदीप विजय, निदेशक तुलाज संस्थान द्वारा की गयी. कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित होने के उपरांत मुकेश पठेला, सहायक प्राध्यापक द्वारा ध्येय श्लोक का वाचन किया गया. ध्ये
डॉ. ललित गोयल एग्जामिनेशन कंट्रोलर द्वारा ध्येय वाक्य का वाचन किया गया. तुलाज संस्थान के निदेशक डॉ. संदीप विजय द्वारा संजय जी को अंगवस्त्र एवं पुस्तक देकर उनका सम्मान किया गया, डॉ. निशांत सक्सेना द्वारा चन्द्रगुप्त विक्रम को अंगवस्त्र एवं पुस्तक देकर उनका सम्मान किया गया, डॉ. विजय उपाध्याय, रजिस्ट्रार तुलाज संस्थान द्वारा मयंक खंडूरी को अंगवस्त्र एवं पुस्तक देकर उनका सम्मान किया गया. अतिथि सम्मान के उपरांत तुलाज संसथान के सहायक प्राध्यापक संदीप खंतवाल द्वारा संगठन गीत के प्रस्तुति दी गयी.
मयंक खंडूरी ने अपने वक्तव्य में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जी के जीवन एवं परिवार पर प्रकाश डाला. अतिथि चन्द्रगुप्त विक्रम, माननीय संघचालक देहरादून महानगर उत्तर ने बच्चों को नेताजी के जीवन के अनेक महत्वपूर्ण किस्सों के बारे में बताया एवं बच्चों को नेताजी के तरह अपने जीवन में अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए दृढ़ निश्चय एवं कठोर नियम के पालन करने की प्रेरणा दी.
चन्द्रगुप्त विक्रम द्वारा नेता जी के प्रचलित नारो की भी याद दिलाई गयी जैसे स्वतंत्रता मिलती नहीं है छीननी पड़ती है.
कार्यक्रम के अंत में तुलाज संस्थान की विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को संजय जी प्रचार प्रमुख, उत्तराखंड प्रान्त (विश्व संवाद केंद्र) द्वारा उद्बोधन प्राप्त हुआ, जिसमें वेदों पुराणों आदि का जिक्र किया गया उन्होंने अपने उद्बोधन में कई शहीदों को याद कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की उनके द्वारा नेताजी के २० साल के अंतराल में ११ बार जेल जाने के समय नेताजी को किन प्रकार की यातनाओं से गुजरना पड़ा के बारे में अपने विचार सबके साथ साझा किये। संजय जी द्वारा विद्यार्थियों से अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाने एवं उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम किस प्रकार से करें इस की प्रेरणा नेताजी के जीवन से लेनी चाहिए की बात कहकर अपना उद्बोधन समाप्त किया.
कार्यक्रम के अंत में संस्थान के वरिष्ठ पुस्तकालय अध्यक्ष अभिषेक कृमार शर्मा द्वारा सभी वक्ताओं को उनके उद्बोधन के लिए एवं उनके द्वारा बताये गए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के जीवन परिचय के लिए धन्यवाद प्रेषित किया गया.
कार्यक्रम के अंत में कुमारी कंचन धारिया द्वारा संगठन की प्रार्थना एवं कल्याण मंत्र का वाचन किया गया. कार्यक्रम का सञ्चालन संदीप गौतम (सहायक प्राध्यापक) तुलाज संस्थान द्वारा किया गया.
कार्यक्रम के समापन के उपरांत संस्थान के समस्त छात्रों एवं अध्यापकों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन परिचय पर आधारित पुस्तक वितरित की गयी कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में दया शंकर मिश्रा (विस्तारक, भारतीय शिक्षण मंडल देहरादून महानगर), ज्ञानेश जी (नगर प्रचार प्रमुख़ केशव नगर) कामिनी मधवाल अदि उपस्थित रहे.

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