प्राण-पंचकोष और स्वास्थ्य” पर गोष्ठी संपन्न, सात्विक आहार शरीर और मन के लिए आवश्यक है-योगाचार्य रजनी चुघ

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नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “प्राण-पंचकोष और स्वास्थ्य” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 589 वाँ वेबिनार था। योगाचार्य रजनी चुघ ने कहा कि शुद्ध सात्विक आहार हमारे शरीर और मानसिक विकास में सहायक है अतः हमें शाकाहार भोजन पर बल देना चाहिए।हमारा शरीर केवल भौतिक रूप से निर्मित नहीं है अपितु चार अन्य कोष अन्नमय कोष,प्राणमय कोष, विज्ञानमय कोष व आनंदमय कोष भी है।उन्होंने कहा कि हमारे खान पान से यह प्रभावित होता है साथ ही हमारी आभा को बढ़ाता है,प्राण सूक्ष्म भोजन है वह भोजन और पेय पदार्थ की तरह आवश्यक है।मानसिक ऊर्जा अन्न और प्राण से भी अधिक शक्तिशाली है।पूरी दुनियां मन में केंद्रित है इसलिए मन को यम नियमों को अपनाकर ध्यान करने से आपके मन में विचारों की गति अत्यंत धीमी हो जाती है और अच्छे अभ्यास से मन विचार-शून्य हो जाता है।पंचकोश ध्यान हमें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ाते हैं।प्रत्येक कोश का ध्यान और ज्ञान हमें परमात्मा तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध होता है। इसलिए अपने पंचकोश पर प्रतिदिन ध्यान करने से सुख शांति और आनंद की अनुभूति होती है।गायत्री जाप,यज्ञ और प्रार्थना से बुद्धि, विवेक का विकास होता है।बुद्धि और विवेक से जीवन का विकास होता है।इन कोषों के सशक्त होने से ही परब्रह्म की प्राप्ति होती है। मुख्य अतिथि डॉ. रचना चावला व अध्यक्ष राज सरदाना ने भी सुखी जीवन के रहस्य पर प्रकाश डाला। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया I गायिका प्रवीना ठक्कर, कमलेश चांदना, कुसुम भंडारी, कृष्णा गांधी,राजश्री यादव, सरला बजाज, उषा सूद, जनक अरोड़ा, चन्द्र कांता गेरा आदि के मधुर भजन हुए।

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