रंग मंच कौशल विकास कार्यशाला का शुभारंभ
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भीमताल l जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भीमताल ,नैनीताल द्वारा ७ से ११ फरवरी २०२५ तक शिक्षकों हेतु रंग मंच प्रशिक्षण ( कौशल विकास कार्यशाला) के आज दूसरे दिन प्रथम सत्र का शुभारंभ डॉ. ज्योतिर्मय मिश्र, मनोज कुमार चौधरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मोहन जोशी द्वारा सरस्वती वन्दना से किया। इसके बाद रंगकर्मी प्रशिक्षक बृजमोहन जोशी द्वारा प्रथम सत्र में जन कवि गिरीश तिवारी गिर्दा की स्वर बद्ध रचना उत्तराखंड मेरी मातृभूमि मातृ भूमि मेरी पितृ भूमि,संस्कार गीतों, लोक गीतों तथा बाल गीतों की जानकारी प्रतिभागियों को दी,इस गायन में प्रतिभाग कर रहे शिक्षक शिक्षिकाओं ने भी गायन व नृत्य के माध्यम से सहभागिता की।
प्रथम सत्र में मोहन जोशी द्वारा रंग मंच में किस प्रकार लोक गीतों का प्रकार किया जाता है इस सम्बन्ध में विभिन्न लोक गीतों को गाकर प्रतिभागियों को जानकारी दी । कार्यशाला के द्वितीय सत्र में वरिष्ठ रंगकर्मी हरीश पाण्डे ने रंग मंच के विविध आयामों की जानकारी प्रतिभागियों को दी। प्रशिक्षक रंगकर्मी बृजमोहन जोशी ने कुमाऊंनी पारम्परिक लोक चित्र कला ऐपण का सम्बन्ध हमारे संस्कारों,कर्म- काण्डों,दस कर्मादि पूजा पद्धति,ऐपण में प्रयुक्त प्रतीकों आदि की जानकारी के साथ साथ मांगलिक संस्कार गीत का सम्बन्ध कैसे ऐपण के साथ जुड़ा है इसकी जानकारी दी। कार्यशाला के आज के दूसरे सत्र में प्रशिक्षक रंगकर्मी मोहन जोशी द्वारा लोकगीतों के विविध आयामों की जानकारी प्रशिक्षक प्रतिभागियों को दी गई।
कार्यशाला के दूसरे सत्र में प्रशिक्षक रंगकर्मी शम्भू दत्त साहिल द्वारा लोक वाद्य यंत्र हुड़का के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी, हुड़के को बनाने की विधि, हुड़के की बोलों के विषय में वादन के माध्यम से तथा मोहन जोशी जी द्वारा विभिन्न लोक गीतों को गाकर गायन व वादन की जानकारी दी। हरीश जोशी द्वारा सभी प्रशिक्षक प्रतिभागियों को भारतेन्दु हरिश्चन्द्र द्वारा लिखित नाटक ” अंधेर नगरी चौपट राजा” कि जानकारी के साथ साथ नाटक के पात्रों का चयन किया तथा नाटक के संगीत में मोहन जोशी व शम्भू दत्त साहिल द्वारा संगत दी गयी।
इस कार्यशाला में शिक्षक/ शिक्षिकाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कार्यशाला में आयोजक कार्यानुभव विभाग जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान भीमताल ( नैनीताल) के डा. ज्योतिर्मय मिश्र कार्यानुभव विभाग, मनोज कुमार चौधरी द्वारा इस कार्यशाला के उद्देश्य – NEP२०२० के प्रावधानों के अनुरूप स्थानीय,लोक कला का प्रचार प्रसार एवं संरक्षण। अध्यापकों में रंग मंच कौशल का विकास करना जिससे शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सुरुचिपूर्ण एवं आनंददायी बनाया जा सके। इसके लिए स्थानीय प्रसिद्ध लोक कलाकारों, रंगकर्मीयों की पहचान कर उनके सहयोग से आने वाली पीढ़ी को स्थानीय लोक कला एवं संस्कृति को हस्तांतरित करना जैसे कुमांऊनी लोक संस्कृति, लोक गीत, झोड़ा,छपेली चांचरी, न्योली,भगनौल, लोकचित्र कला ऐपण,लोक वाद्यों आदि को पुनर्जीवित करना तथा इन लोक विधाओं , स्थानीय लोक कला एवं संस्कृति को पाठ्य क्रम और पाठ्य वस्तु से जोड़ना।