मंगलवार की शाम से वालिया नाला के जंगiल मैं 24 घंटे से लगी आग ने पूरे जंगल को फूंक डाला,

नैनीताल l मंगलवार की शाम से वालिया नाला के जंगiल मैं 24 घंटे से लगी आग ने पूरे जंगल को फूंक डाला, बलिया नाला जैसे संवेदनशील क्षेत्र चौबीस घंटे से अधिक समय से आग सुलग रही है । वनाधिकारी, वन संरक्षक, मुख्य वन संरक्षक, जिलाधिकारी, आयुक्त कुमायूं मण्डल के कार्यालय एवं आवास से यह क्षेत्र एक कि०मी० से भी कम हवाई दूरी पर है तथा वहां से स्पष्ट दिखाई देता है । वर्ष 2003 में बलिया नाला प्रोजेक्ट से वन विभाग की इस क्षेत्र में वनीकरण के लिए लाखों रुपए आबंटित किए गए थे । वर्ष 2005 में वन विभाग द्वारा तल्लीताल रामलीला स्टेज से लेकर कृष्णापुर गोमुख धारा तक कई जगह साइन बोर्ड लगाए कि विभाग ने बलिया नाला प्रभावित क्षेत्र में इतने हजार तिलौंज की पौंध, इतने हजार उतीस की पौंध, इतने हजार मणीपुरी बांज की पौंध और इतने हजार विभिन्न प्रजातियां की पौंध जिनके वानस्पतिक नाम भी दिए गए थे , रोपित किए गए हैं । इसके बाद कभी वन विभाग ने मुड़ कर नहीं देखा कि जो वनीकरण किया गया था।‌ उसका क्या हाल है ।
हद तो यह है कि बलिया नाला क्षेत्र अति संवेदनशील क्षेत्र में वन विभाग का कोई वन रक्षक तक नहीं है और अगर है भी तो उसे आज तक किसी ने देखा नहीं है
बलिया नाला क्षेत्र की अधिकतर पहाड़ियों 70 डिग्री से 90 डिग्री तक ढलान में आ चुकी हैं और बहुत हद तक छोटी छोटी छाड़ियों और पेड़ों की जड़ों ने उसे रोक कर रखा है लेकिन आग इस क्षेत्र के पूरे पारिस्थितिक तंत्र का सर्वनाश कर रही है । शायद बहुत से लोगों के मन मस्तिष्क में यह होगा कि बलिया नाला तो कृष्णापुर या हरीनगर क्षेत्र के लिए संकट है लेकिन नहीं । बलिया नाला क्षेत्र में पिछले पिछले पचास सालों में जो उथल पुथल हुई है ,वह आने वाले सालों में नैनीताल के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लगाती है ।विगत एक वर्ष से वलियानाला संघर्ष समिति ने जंगल को आग से बचा रखा था लेकिन अराजक तत्व ने रात में आग लगा कर अपने मन की आग शांत कर ली, समिति अध्यक्ष डी, एन भट्ट का कहना है तुरंत वलियानाला जंगल से लगे क्षेत्र के जंगल से लगे इलाकों की सुची तैयार कर अराजक तत्वों की पहचान कर नामजद रिपोर्ट दर्ज की जाएगी l

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