स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य पर बुरांश संस्था द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन लाला चेतराम साह ठुलघरिया इण्टर कालेज के सभागार में किया गया आलेख – बृजमोहन जोशी नैनीताल ।

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नैनीताल l स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य पर बुरांश संस्था द्वारा आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन लाला चेतराम साह ठुलघरिया इण्टर कालेज के सभागार में किया गया। इस प्रतियोगिता का विषय था- नैनीताल में विकास हो रहा है..? इस वाद विवाद प्रतियोगिता में ग्यारह विद्यालयों (लाला चेतराम साह ठुलघरिया इण्टर कालेज, सैंट मेरी कान्वेंट, भारतीय शहीद सैनिक, भारतीय शहीद सैनिक‌ विद्यापीठ, हरमन माइनर विद्यालय भीमताल, सनवाल स्कूल,सैंट जान्स स्कूल, मोहन लाल साह विद्या मंदिर , मोहन लाल साह बाल विद्यामंदिर, जी.जी.आई. सी. इण्टर कॉलेज ) के विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में सहभागिता की। आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राहुल चौहान मैनेजर इण्डियन बैंक तथा विशिष्ट अतिथियों में विनोद पाण्डे जी ,यशपाल रावत , डा.एस.एस. बिष्ट, हिमांशु पाण्डे , कविता गंगोला,व निर्णायक थे रंगकर्मी व स्वतन्त्र छायाकार बृजमोहन जोशी व संस्कृतीकर्मी डा.प्रगति जैन। विद्यार्थियों के द्वारा आज के विषय – नैनीताल में विकास हो रहा है के पक्ष और विपक्ष में अपनी बात रखी। विद्यार्थियों ने कहा कि नैनीताल के कंधे अब अधिक बोझ नहीं उठा सकते, इसके लिए उन्होंने टिफन टाप का उदाहरण दिया। विद्यार्थियों ने कहा कि नैनीताल कि भार ग्रहण करने कि क्षमता अब समाप्त हो चुकी है और ऐसे में नैनीताल में रानीबाग तक रोपवे का निर्माण करना वो भी इतने संवेदनशील स्थान में एक सोचनीय/व विचारणीय प्रश्न है । नैनीताल में इतनी तेजी से हो रहे निर्माण/ कंक्रीट के जंगलों व जनसंख्या की वृद्धि पर भी प्रश्न उठाये। विद्यार्थियों ने यह भी कहा कि वास्तव में विकास क्या है अगर हम आय कि द्रष्टि से इसे देखते है तो यह विकास नहीं है। विकास प्रकृति को सुरक्षित रखने व लोगों के सचेत होने तथा अपने अपने उत्तरदायित्वों को निभाने से है। विद्यार्थियों ने नैनीताल के इतिहास पी.बैरन, कमिश्नर ट्रेल, कमिश्नर रैमजे त्रिऋषि सरोवर, मानसरोवर, मां नयना देवी के मन्दिर को लेकर भी अपनी बात रखी। विद्यार्थियों ने कहा कि नैनीताल के विकास का सही अर्थ क्या है । क्या कंक्रीट का जंगल या पर्यटन के नाम पर बेतहाशा भीड़ ? विद्यार्थियों ने कहा कि जब नैनीताल का अस्तित्व ही नहीं रहेगा तो फिर कैसा पर्यटन, यह सौन्दरयी करण किस काम का। विद्यार्थियों ने कहा कि अनियंत्रित लोगों की भीड़ / वाहनों की भीड़ । तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन/ कंक्रीट के जंगलों/सरकारी हास्पिटल बी.डी.पाण्डे व रैमजे हास्पिटल यहां होने के बावजूद उचित इलाज हेतु मरिज को बाहर ले जाना इत्यादि अनेक ज्वलंत प्रश्नों को भी अपने वक्तव्य के माध्यम से सबके समक्ष रखा।विशिष्ट अतिथि विनोद पाण्डे ने भी १८ सितम्बर को क्यों स्वच्छता दिवस मनाया जाता है इसके महत्व पर विस्तार से जानकारी दी। आयोजक मण्डल में बुरांश संस्था कि अध्यक्षा श्रीमती कंचन जोशी, जय जोशी,अजय गुप्ता, रवि, प्रतिमा राठौर, सुनील,अवरणीका जोशी । आयोजकों के द्वारा सभी विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
जूनियर वर्ग में ( पक्ष मे ) गीतांजलि ने प्रथम , सामभावी ने द्वितीय, प्रनव पपनोइ ने तृतीय, तथा आशीष मेहरा‌ ने सांत्वना पुरस्कार तथा ( विपक्ष में) श्रीम पन्नू ने प्रथम , वर्तिका पाण्डे ने द्वितीय , खनक ठठोला ने तृतीय तथा मयंक बुदलाकोटी ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।सिनियर वर्ग कि प्रतियोगिता में ( पक्ष में ) फातिमा शददकी ने प्रथम , वर्तिका पाण्डे ने द्वितीय , काव्या जोशी ने तृतीय तथा वनिता पाण्डे ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया तथा ( विपक्ष में ) प्रिशा बोहरा ने प्रथम स्थान , अर्पित पाण्डे ने द्वितीय , निवेदिता उप्रेती ने तृतीय तथा सार्थक टंडन ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
बुरांश संस्था कि अध्यक्षा श्रीमती कंचन जोशी ने इस प्रतियोगिता को सफल बनाने हेतु सभी का आभार व्यक्त किया।

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