नये भारत की परिकल्पना ” पर गोष्ठी संपन्न अपने पुरुषार्थ से कार्य रूप देना है -आचार्य श्रुति सेतिया

नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में “नये भारत की परिकल्पना” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया। यह कोरोना काल से 656 वां वेबिनार था। वैदिक विदुषी आचार्या श्रुति सेतिया ने कहा कि नया भारत ऐसा हो जहाँ सभी को न्याय मिले और आगे बढ़ने के अवसर समान रुप से पक्षपात रहित सबके लिए उपलब्ध हों।उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को देश में अपनी योग्यता,परिस्थिति और सामर्थ्य के अनुसार अपने देश की उन्नति में भरपूर योगदान करना चाहिए। यदि वह ऐसा ना करके केवल अपनी उदरपूर्ति करता हुआ ही जीवित है,तो निश्चित ही वह इस मातृभूमि पर भार है।नए भारत की संकल्पना,कोरी कल्पना या यथार्थ पर आधारित मजबूत राष्ट्र की संकल्पना?भारत का नागरिक जिस तरह के नए भारत की कल्पना करेगा,नया भारत वैसा ही बनेगा।नया भारत कोई तुरंत अस्तित्व में आने वाली संकल्पना नहीं है।यह धीरे धीरे और प्रयत्नपूर्वक बनाई जाने वाली इमारत होगी।विश्व गुरु या विश्वशक्ति की बनने की दिशा में इसे पहला पायदान कहा जा सकता है।एक जागरूक नागरिक के रूप में अपने राष्ट्र को महाशक्ति बनाने का स्वप्न रखें।किसी भी राष्ट्र का समग्र चिंतन करते समय,उसे महाशक्ति बनाने का स्वप्न देखते समय उसकी कमजोरियों और शक्तियों पर ध्यान देना आवश्यक होता है।नए भारत की दिशा में कदम बढ़ाते समय हमें सबसे पहले स्वयं में परिवर्तन करने होंगे।चूंकि मनुष्य ही समाज और राष्ट्र की पहली इकाई है अतः शुरुवात मनुष्य से अर्थात स्वयं से करनी होगी। व्यवस्था बनाने का कार्य सरकार का है परंतु अपने आपको उस व्यवस्था के अनुरूप ढालने का काम हमारा है।सौभाग्य से आज देश का नेतृत्व मोदी जी जैसे हाथों में है जिसके मन में राष्ट्रभक्ति है,मस्तक में नए भारत की निर्द्वंद संकल्पना है और उसे वास्तविकता में उतरने की ताकत है।अब हमें उस संकल्पना को साकार करने में अपनी भूमिका निभानी है। मुख्य अतिथि आर्य नेत्री अनिता रेलन व अध्यक्ष रजनी चुघ ने इस परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए सभी से पुरुषार्थ करने का आह्वान किया।परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन करते हुए कहा कि नैतिकता और चरित्र के बल पर हमें अग्रणी भूमिका निभानी है।राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश महाशक्ति बनेगा। गायिका कौशल्या अरोड़ा, कमला हंस, सरला बजाज, वीरेन्द्र आहूजा, रविन्द्र गुप्ता,उमा मिगलानी ,कुसुम भंडारी, उषा सूद आदि ने मधुर भजन सुनाए।

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