डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के इतिहास विभाग “इतिहास, सिनेमा और साहित्य: एक रचनात्मक संवाद” पर अतिथि व्याख्यान का व्याख्यान

नैनीताल l डीएसबी परिसर, कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल के इतिहास विभाग ने आज “इतिहास, सिनेमा और साहित्य: एक रचनात्मक संवाद” के दिलचस्प अंतर्संबंध पर अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इन तीनों क्षेत्रों के बीच परस्पर क्रिया की गहरी समझ को बढ़ावा देना था और इसमें छात्रों, शिक्षकों और इतिहास के शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने भाग लिया।इस अवसर पर प्रख्यात वक्ताओं में रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता, पश्चिम बंगाल के इतिहास विभाग के प्रोफेसर हितेंद्र पटेल और सिद्धो कान्हो बिरसा विश्वविद्यालय, पुरीला, पश्चिम बंगाल की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नंदिता बनर्जी शामिल थीं। कार्यक्रम का संचालन कुमाऊं विश्वविद्यालय की डॉ. शिवानी रावत ने किया और इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय घिल्डियाल ने कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत करते हुए इतिहास में साहित्य की प्रासंगिकता पर व्याख्यान दिया। प्रो. हितेन्द्र पटेल ने ऐतिहासिक लेखन में लोकप्रिय साहित्य के दायरे और विशेषताओं पर अपने व्याख्यान के साथ सत्र की शुरुआत की। उन्होंने क्षेत्रीय इतिहास के अपार महत्व पर जोर दिया, इस बात पर प्रकाश डाला कि यह अतीत की हमारी समझ को कैसे समृद्ध करता है। प्रो. पटेल ने कहा कि साहित्यिक अंतर्दृष्टि ने ऐतिहासिक आख्यानों और समकालीन साहित्य में उनके महत्व पर एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।
डॉ. नंदिता बनर्जी ने भारतीय सिनेमा में महिलाओं के चित्रण पर विशेष ध्यान देते हुए ऐतिहासिक विकास पर चर्चा की। डॉ. बनर्जी ने महिलाओं को अपनी चर्चा के केंद्र में रखकर सिनेमा की परिवर्तनकारी भूमिका पर प्रकाश डाला, यह दर्शाते हुए कि पिछले कुछ वर्षों में सिनेमा ने कैसे प्रगति की है। उन्होंने भारतीय सिनेमा में महिलाओं के विकसित प्रतिनिधित्व पर शोड की सम्भावना पर भी चर्चा की।कार्यक्रम का समापन करते हुए डॉ. रीतेश साह ने वक्ताओं के बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन दिया। डॉ. साह ने प्रो. पटेल और डॉ. बनर्जी द्वारा साझा की गई गहन अंतर्दृष्टि पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे क्षितिज का विस्तार करने सिनेमा और साहित्य का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है और ऐतिहासिक व अन्तर्विषयी शोध में इस पर अनंत संभावनायें है । इस कार्यक्रम का संचालन डॉ शिवानी रावत द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो सावित्री कैरा जन्तवाल, प्रो ज्योति जोशी, प्रो निर्मला ढैला, डॉ हरिप्रिया, डॉ गगनदीप होठी, डॉ मनोज बाफ़िला, डॉ पूरन आधिकारी, डॉ भुवन शर्मा, सहित शिक्षक, शोधार्थी व विद्यार्थी उपस्थित थे।

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