आल सेंट्स कालेज को नए युग तक पहुंचाया किरन जरमाया ने

नैनीताल l सिल्वर जुबली गौरवमय कार्यकाल समाप्त कर जा रही नगर के प्रतिष्ठित विद्यालय आल सेंट्स कालेज की प्रधानाचार्य किरन जरमाया ने अपने कार्यकाल में स्कूल को एक नए युग तक पहुंचाया है। उनके नेतृत्व में स्कूल ने शिक्षा के क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए और छात्रों को एक उत्कृष्ट और वैश्विक स्तर की शिक्षा प्रदान की। साथ ही एजुकेशन वर्ल्ड की रैंकिंग में विद्यालय को देश व प्रदेश में पहला स्थान दिलाया।
प्रधानाचार्य किरन जरमाया का जीवन शिक्षा को समर्पित रहा। उन्होंने 1972 में शिक्षण कार्य शुभारंभ किया और 2000 से 2024 तक बखूबी प्रधानाचार्य का दायित्व निभाया। उनके कार्यकाल के दौरान, स्कूल ने कई नए पाठ्यक्रम और कार्यक्रम शुरू किए गए। उन्होंने विज्ञान, पर्यावरण, सामाजिक ज्ञान के साथ स्कूल में प्रभावशाली पाठ्यक्रम और शिक्षण पद्धति की स्थापना की है, जो छात्राओं को विश्व स्तर पर उनके भविष्य के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद की। विद्यालय से उच्च कोटि की शिक्षा प्राप्त कर हजारों बच्चे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों में सेवाएं प्रदान कर रही हैं, जबकि कई उच्च पदों पर आसीन हैं। प्रधानाचार्य जरमाया की मंशा महिलाओं को पुरुषों के समकक्ष स्थापित करने की रही है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए छात्राओं के बौद्धिक क्षमता के वृद्धि के अनुरूप शिक्षा प्रदान की। साथ ही शारीरिक दक्षता के लिए हॉकी, बास्केटबाल , तैराकी व फुटबाल जैसे खेलों की नियमित प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। साथ ही छात्राओं की प्रतिभाओं को निखारने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सबरंग प्रतियोगिताओं को मंच प्रदान किया। पर्वतारोहण व घुड़सवारी जैसे साहसिक खेलों को बढ़ावा दिया। साथ ही वैश्विक संस्कृति से पहचान कराने के लिए अंतराष्ट्रीय शैक्षिक भ्रमण की सुविधाएं प्रदान की। राष्ट्रीय संस्कृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने को लेकर लोककला, लोकगीत व नृत्य शास्त्रीय संगीत के प्रति छात्राओं में जागरूकता पैदा की। उन्होंने अनुशासन के साथ कभी समझौता नहीं किया । जिसके परिणामस्वरूप विद्यालय का वातावरण शिक्षा के अनुकूल रहा। प्रधानाचार्य जरमाया ने स्कूल के बुनियादी ढांचे में भी महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। उन्होंने स्कूल में नवीन कक्षाओं, प्रयोगशालाओं और खेल सुविधाओं की स्थापना की। जिससे छात्रों को सुरक्षित और समर्थनकारी वातावरण मिल पाया । उनके नेतृत्व में स्कूल ने समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाए, जिससे स्कूल के छात्रों को समाज में योगदान करने के अवसर प्रदान होते हैं। साथ ही पारिवारिक वातावरण की स्थापना की । उनका संपूर्ण कार्यकाल उपलब्धियों से भरा रहा। तमाम प्रतियोगिताओं में विद्यालय की छात्राओं ने तमगे बटोरकर अपने साथ विद्यालय व नगर का नाम रोशन किया। उनके कार्यकाल में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम शत प्रतिशत रहा, जबकि कई छात्राओं ने 99 प्रतिशत अंक हासिल करने का कीर्तिमान भी बनाया।

यह भी पढ़ें 👉  एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ वकीलों ने की हड़ताल, बिल की प्रतियां जलाई।

इंसेट

पहले भी नौ साल जूनियर स्कूल दिए

नैनीताल: प्रधानाचार्य किरन जरमाया पूर्व में भी इस विद्यालय में वर्ष 1978 में जूनियर स्कूल में शिक्षण कार्य शुभारंभ किया और 1998 तक रही। इसके बाद लामार्टिनियर में लेडी वाइस प्रिंसिपल के पद रही। इसके बाद 2000 में आल सेंट्स में प्रिंसिपल का पद संभाला।
हिंदी, अंग्रेजी समेत कई विषयों का ज्ञान उनमें समाहित हैं। शिक्षा के क्षेत्र में तमाम गुणों से संपन्न प्रधानाचार्य जरमाया कहती हैं कि उनका जीवन भविष्य में भी शिक्षा के प्रति समर्पित रहेगा।

Advertisement