कुमाऊँ विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना की शुरुआत, प्लेसमेंट और करियर अवसरों को मिलेगा नया आयाम

नैनीताल l कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों को उद्योग जगत से अधिक प्रभावी रूप से जोड़ने और रोजगार–उन्मुख शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (एमओयू) किया है। इसके तहत विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना शुरू की जाएगी, जो उच्च शिक्षा और उद्योग जगत के बीच सेतु निर्माण की दिशा में एक दूरदर्शी पहल है।
कुलपति प्रो. दीवान एस. रावत ने बताया कि यह पहल श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार की महत्त्वपूर्ण योजना इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना (आईएलओएच) के अंतर्गत संचालित की जा रही है। देशभर से चुनी गई 25 विश्वविद्यालयों में कुमाऊँ विश्वविद्यालय का चयन होना इसकी शैक्षणिक गुणवत्ता, प्रतिष्ठा और उत्कृष्ट अकादमिक–उद्योग सहयोग क्षमता को दर्शाता है। यह चयन सीआईआई के सहयोग से किया गया है, जो इस कार्यक्रम का प्रमुख उद्योग भागीदार है।
इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना का उद्देश्य उद्योगों और विश्वविद्यालयों को जोड़कर युवाओं को जॉब-लिंक्ड स्किल प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रदान करना है। देशभर में चयनित विश्वविद्यालयों में इंडस्ट्री–लिंक्ड प्रशिक्षण मॉडल लागू किया जा रहा है ताकि छात्र पढ़ाई के दौरान ही जॉब–रेडी बन सकें। इस योजना में उद्योग आवश्यक स्किल्स और जॉब रोल निर्धारित करते हैं, विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम एवं प्रशिक्षण मॉडल को उद्योग की मांगों के अनुरूप अद्यतन करते हैं, और श्रम मंत्रालय पूरे कार्यक्रम का समन्वय, निगरानी और नीति–निर्देशन प्रदान करता है।
कुमाऊँ विश्वविद्यालय में इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना की स्थापना छात्रों के लिए अनेक नए अवसर खोलेगी। सीआईआई द्वारा डीएसबी कैंपस में 3–4 विशेषज्ञ कर्मचारियों की एक टीम तैनात की जाएगी, जो करियर मार्गदर्शन देगी, उद्योग आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान करेगी, मोटिवेशनल एवं करियर–ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित करेगी, और छात्रों की योग्यता व रुचि के आधार पर उन्हें विभिन्न कंपनियों से जोड़ने का कार्य करेगी। इस व्यवस्था से छात्रों को वास्तविक उद्योग परिवेश, कार्य–संस्कृति और प्रोफेशनलिज़्म को समझने का प्रत्यक्ष अवसर मिलेगा।
प्रो. रावत ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह सुविधा केवल प्रोफेशनल कोर्सेज़ तक सीमित नहीं है, बल्कि कला, मानविकी, सामाजिक विज्ञान और अन्य संकायों के विद्यार्थियों को भी समान रूप से लाभान्वित करेगी, क्योंकि उद्योग–अकादमिक सहयोग आज सभी क्षेत्रों में नए अवसर पैदा कर रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि इंडस्ट्री लिंक्ड ओपन हायरिंग योजना की स्थापना विश्वविद्यालय में उद्योग–अकादमिक संबंधों का एक नया अध्याय प्रारंभ करेगी। इससे प्रशिक्षण और प्लेसमेंट दोनों में उल्लेखनीय सुधार की संभावना बनेगी। प्रो. रावत ने सीआईआई का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह साझेदारी कुमाऊँ विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को कौशल विकास और रोजगार अवसरों का एक सशक्त मंच प्रदान करेगी तथा विश्वविद्यालय को उद्योग–अकादमिक एकीकरण का राष्ट्रीय मॉडल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. एम. एस. मंद्रवाल, वित्त नियंत्रक कमलेश भंडारी, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के प्रतिनिधि वैभव दाधिच, वैभव गुप्ता, तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।









