ठिठुरती सर्दी में प्रभु की वर्दी” पर गोष्ठी संपन्न भारतीय ऋतुयें परमात्मा का वरदान हैं-आचार्य विमलेश बंसल
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नैनीताल l नगर के केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में “ठिठुरती सर्दी में प्रभु की वर्दी” विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।य़ह कोरोना काल से 601 वां वेबिनार था। वैदिक विदुषी आचार्या विमलेश बंसल ने कहा कि ईश्वर की बनाई सृष्टि में भारतीय जनों के लिए ऋतु की जो काल चक्र परिवर्तित व्यवस्थित सुंदर व्यवस्था है उसे समझकर विधान पूर्वक सेवन करने की आवश्यकता है वसंत जहां सुखद है वहां सभी ऋतुओं सहित सर्दी भी ईश्वरीय वरदान है।
ईश्वर की बनाई सभी ऋतु रमणीय हैं वसंत इन ऋतु मंत्र की व्याख्या स्वयं परमपिता परमेश्वर ने हमारे लिए ऋग्वेद में की है।जिसमें छहों ऋतुओं की रमणीयता को दर्शाया है हम ईश्वर की इस वैदिक ज्ञान विज्ञान की वर्दी को ओढ़ सर्दी को नमन करने वाले बनें,वेद से अज्ञान मिटाएं,वृहद यज्ञ द्वारा ताप मिटाएं,योग द्वारा स्वास्थ्य पाएं,एसी आठ लेयर की योगाभ्यास की वर्दी पहन युक्त आहार विहार भोजन भजन भ्रमण से उमंग उल्लास आनंद द्वारा बढ़ें बढ़ाएं सकल विश्व को आर्य बनाएं,ईश्वर की सन्निधि से धन्यवाद करते हुए परमानंद पाएं। उपसंहार करते हुए स्वरचित रचना भी ऋतुओं की सुंदर व्यवस्था पर प्रस्तुत की l मुख्य अतिथि आर्य नेत्री रेणु त्यागी व अध्यक्ष योगाचार्या शांता तनेजा ने भी भिन्न भिन्न मौसम की चर्चा करते हुए सर्दी में कर्म शील बनने का संदेश दिया। परिषद अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन किया व राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने धन्यवाद ज्ञापन किया। गायिका प्रवीना ठक्कर,कमला हंस, कौशल्या अरोड़ा, रविन्द्र गुप्ता, उषा सूद, कृष्णा मुखी, नरेश चन्द्र आर्य, कमलेश चांदना आदि के मधुर भजन हुए।
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