हरिद्वार में योग साधना शिविर संपन्न, अहंकार को त्याग कर ओंकार से जुडें-आचार्य अखिलेश्वर भारद्वाज

जातिवाद राष्ट्रीय एकता में बाधक है
-राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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हरिद्वार l को वैदिक योग आश्रम,आनंदधाम हरिपुर कलां,हरिद्वार में गत एक सप्ताह से चल रहे “योग साधना शिविर का भव्य समापन हो गया। शिविर में दिल्ली,हरियाणा,उत्तर प्रदेश,उत्तराखंड,पंजाब आदि से लगभग 90 साधकों ने भाग लिया । वैदिक विद्वान आचार्य अखिलेश्वर जी ने कहा कि मनुष्य को अहंकार को छोडकर “ओंकार” से
जुड़ना चाहिए।मनुष्य को जो मिला है वह ईश्वर से मिला है फिर मानव मैं का अहंकार क्यों पाल लेता है।हमें अपना कार्य ईश्वर को समर्पित करके करना चाहिये।
उन्होंने कहा की पतंजलि योग दर्शन के यम और नियम से व्यक्तिगत एवं राष्ट्र की उन्नति संभव है
चारों वेदों में योग विषयक मंत्र हैं।पतंजलि महाराज ने ईश्वर सानिध्य एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए अष्टांग योग का विवेचन किया है।यम,नियम,आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार,धारणा ध्यान समाधि यॆ आठ अंग हैं।महर्षि पतंजलि प्रतिपादित यम और नियम साधक की मनोदशा को उन्नत बनाते हैं।अविद्या का नाश होता है।ज्ञान का प्रकाश होता है।जीवन सतोगुण प्रधान हो जाता है।उनके अनुसार अहिंसा, सत्य,अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह यह पांच यम हैं।शौच, संतोष,तप,स्वाध्याय तथा ईश्वर प्रणिधान ये 5 नियम हैं।इस मार्ग पर चलकर ईश्वर साक्षात्कार एवं मोक्ष प्राप्ति संभव है। समारोह के विशिष्ट अतिथि अनिल आर्य (राष्ट्रीय अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद) ने कहा कि योग शिविर आत्मिक उन्नति का उत्तम साधन है मनुष्य शांत भाव से स्वयं को समझ पाता है कि वह संसार में क्यों आया है और क्या करना है?आत्मावलोकन स्वयं को सुधारने की सुन्दर पहल है।साथ ही उन्होंने देश की वर्तमान परिस्थितियों में राष्ट्रवादी शक्तियों को मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना राष्ट्रीय एकता में बाधक है इससे राष्ट्र कमजोर होगा I लोगों को जातिवाद प्रांतवाद के नाम पर बांटना घातक सिद्ध होगा I आचार्य देव आर्य ने मधुर भजन सुनाए। आश्रम के संरक्षक संजीव रैली एडवोकेट ने सभी की सेवाओं के लिए आभार व्यक्त किया। प्रमुख रूप से शिव नारायण ग्रोवर इंदिरा पुरम,सतीश ग्रोवर,कमलेश साहनी, मनीष नारंग, प्रवीण आर्य पिंकी, आस्था आर्य, पाला राम आर्य, मीना आर्य, विजय हंस, अर्जुन दास बत्रा आदि उपस्थित थे।

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