कुमाऊँ विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक पहल: 2024 के स्नातकों को बिना आवेदन के मिलेंगी डिग्रियाँ, कोई बैकलॉग नहीं

नैनीताल। कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने 2024 सत्र के स्नातक छात्रों के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है। विश्वविद्यालय ने 18,000 से अधिक डिग्रियों का मुद्रण कार्य पूरा कर लिया है और पहली बार छात्रों को डिग्री प्राप्त करने के लिए किसी अलग आवेदन की आवश्यकता नहीं होगी। इस पहल से न केवल प्रक्रिया को सुगम बनाया गया है, बल्कि 2024 के पासआउट छात्रों की डिग्रियों का कोई बैकलॉग भी नहीं रहेगा।

छात्रहित में अभूतपूर्व निर्णय
कुलपति प्रोफेसर दीवान सिंह रावत के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने छात्रहित को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। अब छात्रों को अनावश्यक औपचारिकताओं से मुक्ति मिलेगी, और उनकी डिग्रियाँ सीधे उनके संस्थानों या पते पर भेजी जाएंगी। यह नई व्यवस्था समय की बचत के साथ-साथ विश्वविद्यालय की कार्यकुशलता को भी प्रदर्शित करती है।

यह भी पढ़ें 👉  डॉ कमलेश कुमार पांडे ने कुमाऊं स्वास्थ्य निदेशक का पद संभाला

शीघ्र वितरण की तैयारी, बैकलॉग से मुक्ति
विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, डिग्रियों की छपाई का कार्य पूर्ण हो चुका है, और इन्हें जल्द ही सभी संबंधित महाविद्यालयों में वितरित किया जाएगा। इस समयबद्ध प्रक्रिया से छात्रों को अपनी डिग्रियाँ तुरंत प्राप्त होंगी, जिससे उनके करियर और उच्च शिक्षा की योजनाओं को गति मिलेगी। साथ ही, इस व्यवस्था से 2024 सत्र की डिग्रियों का बैकलॉग पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।

यह भी पढ़ें 👉  मिशन संवाद" – पुलिस बल के मानसिक सशक्तिकरण की दिशा में एक अभिनव पहल,स्वस्थ उत्तराखण्ड – सशक्त भारत” के संकल्प को साकार करता उत्तराखण्ड पुलिस का संवेदनशील कदम

प्रशासनिक सुधारों की नई मिसाल
कुलपति प्रो. रावत के मार्गदर्शन में कुमाऊँ विश्वविद्यालय लगातार प्रशासनिक सुधारों की दिशा में कदम उठा रहा है। डिग्री वितरण में यह नवाचार न केवल छात्रों के लिए सुविधाजनक है, बल्कि अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।
इस पहल से कुमाऊँ विश्वविद्यालय ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वह शैक्षणिक उत्कृष्टता और प्रशासनिक नवाचार में अग्रणी है, जो छात्रों के भविष्य को और भी उज्ज्वल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Advertisement