लोककथा “हरूहीत” पर आधारित नृत्य नाटिका का भव्य मंचन

नैनीताल l संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु समर्पित मकसद संस्था ग्रुप, भिकियासैण, अल्मोड़ा द्वारा दिनांक 25 जुलाई 2025 को भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय, नैनीताल में उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोककथा पर आधारित नृत्य-नाटिका “हरूहीत” का भव्य मंचन किया गया। यह आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री बिशन सिंह मेहता उप प्रधानाचार्य प्रवीण शती ओर संगीत टीचर श्रीमती नेहा आर्य द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं निर्देशन संस्था की कर्मठ सांस्कृतिक निदेशक गुरु श्रीमती हेमा बिष्ट द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि “हरूहीत” केवल एक लोककथा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, इतिहास, प्रेम, युद्ध, न्याय और बलिदान की गाथा है। राजा हरूहीत की यह कथा कुमाऊँ की आस्था और न्यायप्रियता का प्रतीक मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि न्याय के लिए लोग आज भी राजा हरूहीत के दरबार की कल्पना करते हैं और उनकी स्मृति में श्रद्धा से झुकते हैं।
मुख्य कलाकार व भूमिकाएं इस प्रकार रहीं:
परिकल्पना एवं निर्देशन हेमा बिष्ट
संगीत निर्देशन : उमेश कांडपाल
सह निर्देशन : किशन लाल
हरूहीत की भूमिका – सचिन: उन्होंने अपने दृढ़ और न्यायप्रिय चरित्र से नाटक की आत्मा को जीवंत किया।
मालू की भूमिका – नीलम तिवाड़ी: भावपूर्ण अभिनय और नृत्य ने दर्शकों को गहराई से छुआ।
मां, रानी एवं ग्रामीण की भूमिका – गुंजन बिष्ट: ज्योति उप्रेती बहुमुखी अभिनय से हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी।
रानी एवं ग्रामीण की भूमिकाएं – अंजलि, नेहा: दोनों ने सजीव संवाद और लोकनृत्य में शानदार तालमेल दिखाया। रानी के पिता कालू शोद एवं ग्रामीण की भूमिका – पंकज आर्या: चन्दन, गंभीरता और प्रभावशाली मंच उपस्थिति से ध्यान आकर्षित किया।
पहलवान भाई एवं ग्रामीण की भूमिका – गौरव कुमार: अपने दमदार अभिनय से ग्रामीण परिवेश में जीवन का संचार किया।
पहलवान एवं ग्रामीण – काव्यांश कुमार: ऊर्जा से भरपूर प्रस्तुति रही।
ग्रामीण की भूमिका – रोहन पवार: सौरव जोशी महेश आर्य सहज अभिनय से दर्शकों से जुड़ाव बनाया।
बांसुरी वादन – कैलाश चन्द्र: मंचन के दौरान भावनात्मक दृश्यों को संगीतमय स्पर्श प्रदान किया। गायन चंदन मेहरा और कृपाल दत्त ध्यानी ।
कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन और परिकल्पना श्रीमती हेमा बिष्ट द्वारा किया गया, मुख्य अतिथि प्रधानाचार्य महोदय ने बताया कि – “‘हरूहीत’ केवल एक लोककथा नहीं, बल्कि उत्तराखंड की अस्मिता, न्याय की परंपरा और लोक आस्था का प्रतीक है। हमें गर्व है कि मक़सद संस्था ग्रुप द्वारा इस सांस्कृतिक विरासत को नई पीढ़ी के समक्ष प्रस्तुत कर किया ।”
इस आयोजन में विद्यालय के छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों और स्थानीय जनसमुदाय की गरिमामयी उपस्थिति रही। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय, संवाद अदायगी, पारंपरिक वेशभूषा और लोकधुनों से सजे इस मंचन को “यादगार सांस्कृतिक प्रस्तुति” बताया। मकसद संस्था ग्रुप का यह प्रयास उत्तराखंड की लोकसंस्कृति को संरक्षित करने की दिशा में एक सशक्त पहल सिद्ध हुआ।
हेमा बिष्ट
निर्देशक
9450360156