संगीत विभाग के प्राध्यापक डॉ रवि जोशी को संस्कृति और प्रदर्शन कला परिषद का निदेशक नियुक्त किया गया है

Advertisement

नैनीताल। कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कुमाऊं विश्वविद्यालय के संगीत विभाग के प्राध्यापक डॉ. रवि जोशी ने पहल शुरू की है। डॉ. जोशी देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी शास्तीय संगीत का प्रदर्शन कर चुके हैं। उनका मानना है कि संगीत इस देश की आत्मा है। इधर उनकी लगन को देखते हुए कुमाऊं विवि के कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने उन्हें संस्कृति और प्रदर्शन कला परिषद का निदेशक नियुक्त किया है।
कुमाऊं विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. रवि जोशी ने बताया कि वह रसिया, जर्मनी, मॉरको, करांची पाकिस्तान जैसे देशों के साथ ही भारत से विभिन्न राज्यों में आयोजित संगीत सम्मलनों में प्रतिभाग कर देश का नाम रोशन किया है। डॉ. जोशी के अनुसार वह हाल ही में उदयपुर में आयोजित विश्व भक्ति संगीत फेटिवल में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके है। साथ ही देश-विदेश में सम्मानित हो चुके हैं। डॉ. रवि जोशी ने कहा कि वह जिस परंपरा को आगे बढ़ा रहें हैं, वह पंडित कुमार गंधर्व जी की गायन शैली है। उन्होंने अपने गायन से शब्दों को नए मायने दिए हैं। कबीर की रचनाएं मेरे दिल के करीब हैं। कहा बच्चों को संगीत के संस्कार देने बहुत जरूरी हैं। बच्चों को संगीत का भारतीय संस्कृति की शिक्षा दी जानी चाहिए। डॉ. जोशी का उद्देश्य है कि वह लोकसंगीत के रास्ते क्लासिकल के दर्शन करें और बच्चों को जमीनी स्तर पर इसकी शिक्षा दें। जोशी ने कहा संगीत हमारी मानसिक स्थिति को गहराई से प्रभावित करने और हमारे मूड को बेहतर बनाने की क्षमता रखता है। जब हमें इसकी आवश्यकता होती है, संगीत हमें ऊर्जा और प्रेरणा देता है। जब हम चिंतित होते हैं, तो यह हमें शांत कर सकता है। उनका मत है कि विवि स्तर पर ऐसे पाठ्यक्रम खोले जाएं जिससे जनमानस संगीत का प्रचार-प्रसार हो। साथ ही इसके लिए उम्र की बाध्यता न हो।

यह भी पढ़ें 👉  कार चालक ने बुजुर्ग महिला को मारी टक्कर, रेफर

Advertisement
Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Advertisement