देवी भागवत से श्रद्धालुऔ में मातृ शक्ति के सम्मान का एवं देवत्व हासिल करने का भाव उदय हो: श्री नमन कृष्ण


नैनीताल l शेर का डांडा पहाड़ी पर सात नम्बर क्षेत्र में स्थित रामलीला प्रांगण में नव साँस्कृतिक सत्संग समिति द्वारा आयोजित देवी भागवत में व्यास के रूप में भागवत किंकर नमन कृष्ण जी महाराज ने समस्त श्रद्धालुऔ को कथा श्रवण का महत्व बताया।व्यास जी ने देवी भागवत के माध्यम से अपनी बुरी आदतों को सुधार कर व्यक्तित्व परिष्कार का आह्वान किया। और उसके लिए नियमित रूप से भजन करने की प्रेरणा दी। भजन का भाव स्पष्ट करते हुए कहा कि-
आदत बुरी सुधार लो बस हो गया भजन। रोज कुछ अच्छा करें अच्छा सोचें तो पूरी धरती स्वर्ग बन जाय।धर्म कर्म का अर्थ सिर्फ एक लीक पर चलना मात्र नहीं है बल्कि विभिन्न कथाओं में बताते गए मार्ग पर चलते हुए अपने जीवन को प्रभु चरणों में अर्पित कर देना ही सच्ची भक्ति है। इसके लिए गुरु होना और किसी को गुरु मानना भी जरूरी है। इसी से बड़ों के प्रति श्रद्धा भाव उत्पन्न होगा और बुजुर्गों के आशीर्वाद से हमें देवताओं का आशिर्वाद प्राप्त होगा, और इसी से हम अपना जीवन धन्य बना सकेंगे।

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सम्भालो बिगड़ी दशा हमारी,
दया करो माँ दयालु देवी।

भागवत के आयोजन में प्रतिदिन सुधी आचार्य गणों द्वारा पूरे विधि-विधान से प्रातः कालीन पूजन अर्चन में यजमानों द्वारा भावपूर्ण प्रतिभाग किया जाता है।
देवी भागवत के सफल आयोजन में नव साँस्कृतिक सत्संग समिति के पदाधिकारियों सदस्यों एवं स्वयं सेवकों के रूप में खुशहाल रावत, पी सी पांडे, संतोष पंत, विनोद सनवाल, कंचन चंदोला, वीरेंद्र जोशी, हिमांशु पांडे, दिनेश जोशी, इंद्र सिंह रावत, हिम्मत सिंह, प्रकाश चंदोला, प्रकाश पांडे, चंद्र शेखर जोशी, कुँवर सिंह रावत, हेम पांडे, ललित पांडे, दीपक जोशी, विपिन पंत, गौरव जोशी, कमल किशोर, दीपक पांडे, उमेश सनवाल, विकास बड़ोला, संस्कार पांडे, निश्चय पंत, रौनक बोरा, ध्यान सिंह, सहित मातृ शक्ति के रूप में कु हिमांशु तिवारी, लता रावत, चित्रा पंत, दीपा पांडे, सुमन रावत, आशा चंदोला, ममता जोशी, निर्मला पांडे, कमला जोशी आदि द्वारा भजन पूजन में विशेष रूप से नियमित योगदान दिया जा रहा है।

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