रोडवेज़ स्टेशन के संबंध में वार्ता विफल 14 अक्टूबर से कुमाऊं में पूर्ण कार्य बहिष्कार और चक्का जाम

नैनीताल। मंगलवार को जिलाधिकारी ने नैनीताल रोडवेज़ स्टेशन के मुद्दे पर निगम प्रबंधन और उत्तराखंड संयुक्त मोर्चा के साथ त्रिस्तरीय वार्ता बुलाई लेकिन वार्ता में जिलाधिकारी की अनुपस्थिति के कारण मामला अधर में लटक गया। इस वार्ता में एसडीएम नैनीताल प्रवीण कुमार और सचिव नैनीताल विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल शामिल हुए।सचिव विजय नाथ शुक्ल ने कहा कि नैनीताल बस स्टेशन का स्वामित्व परिवहन निगम के पास ही रहेगा, लेकिन इसे एक वर्ष के लिए पोस्ट ऑफिस को सौंपा जाएगा। एक वर्ष बाद, जब पोस्ट ऑफिस भवन का पुनर्निर्माण हो जाएगा, तब स्टेशन का स्वामित्व परिवहन निगम को सौंप दिया जाएगा। हालांकि, उत्तराखंड रोडवेज संयुक्त मोर्चा इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुआ। उनका तर्क था कि नैनीताल बस स्टेशन को तुरंत परिवहन निगम को सौंपा जाना चाहिए या फिर एक वर्ष तक नव निर्मित भवन का एक फ्लोर परिवहन निगम को देना चाहिए। इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाने के कारण वार्ता विफल रही और संयुक्त मोर्चा ने 14 अक्टूबर से कुमाऊं क्षेत्र में कार्य बहिष्कार और चक्का जाम का निर्णय लिया है। निगम कर्मियों ने आरोप लगाया कि नैनीताल जिला प्रशासन ने जानबूझकर नैनीताल बस स्टेशन में कई कमरे विभिन्न विभागों को आवंटित कर दिए हैं, जिसमें पुलिस कंट्रोल रूम, जिला उद्योग केंद्र, डीआरडीओ, सरस मार्केट और झील विकास प्राधिकरण शामिल हैं। उनका कहना है कि यह पूर्ण स्वामित्व परिवहन निगम का है, और प्रशासन ने जानबूझकर बस स्टेशन का सौंदर्यकरण और पार्किंग को इस तरह से व्यवस्थित किया है कि वहां रोडवेज़ की बसें नहीं लग सकें। वार्ता में निगम प्रबंधन की ओर से मंडली प्रबंधक संचालन पूजा जोशी, सहायक महाप्रबंधक मनोज दुर्गा पाल और संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी आनसिंह जीना, मुकेश वर्मा, लीला बोरा, नवनीत, कपिल, रघुवीर चौधरी, और हेम गुणवंत मौजूद थे।

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