वनस्पति विज्ञान विभाग डी एस बी परिसर में आज मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना ,विजिटिंग प्रोफेसर डायरेक्टरेट ,वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया

नैनीताल l वनस्पति विज्ञान विभाग डी एस बी परिसर में आज मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना ,विजिटिंग प्रोफेसर डायरेक्टरेट ,वनस्पति विज्ञान विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यशाला में निदेशक प्रॉफ नीता बोरा शर्मा ,साइंटिस्ट एमिरेट्स तथा फैलो ऑफ नेशनल अकादमी ऑफ साइंस डॉ एस एस सामंत , निदेशक मेनार्ड डॉ बी एस कालाकोटी , एमिरेट्स साइंटिस्ट डॉ गिरीश चंद्र सिंह नेगी ,तथा विभागाध्यक्ष प्रॉफ ललित तिवारी , ने दीप प्रज्वलन कर कार्यशाला का शुभा रंभ किया। कार्यशाला के प्रारंभ में कुलगीत तथा राष्ट्र गान प्रस्तुत किया गया ।
कार्य शाला का उद्देश्य जंगली खाद्य पौधों के संरक्षण एवं उपयोग रहा । कार्यक्रम के विशेष आकर्षण के रूप में पायराकैन्था क्रेनुलता घोंगारू और फाइकस पामेटा बेडू का फ्लायर का विमोचन सभी सम्मानित अतिथियों ,विभागाध्यक्ष और परिसर निदेशकों द्वारा किया गया।
सभी अतिथियों का शॉल और मोमेंटो देकर सम्मान किया गया प्रो. एस. एस. सामंत ने हिमालय की जैव विविधता पर विस्तृत जानकारी दी हिमालय में लगभग 18,940 पादप प्रजातियाँ और 30,000 से अधिक जीव-जंतु प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इनमें 1,748 औषधीय पौधे, 675 जंगली खाद्य पौधे, और 4,035 आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण प्रजातियाँ शामिल हैं।
पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 800 से अधिक मशरूम और फफूंदी की प्रजातियाँ ज्ञात हैं वाहिनियां (उकायाल्स) अमीबी डायरिया के इलाज में सहायक है।
सीबकथॉर्न का उपयोग सूजनरोधी, प्रतिजैविक और बुज़ुर्गों की स्मृति हानि जैसी बीमारियों में किया जाता है
प्रो. जी.सी.एस. नेगी ने बताया जंगली खाद्य पौधों के संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर बताया कि 2019 की हल्की और मध्यम आग से वाइल्ड एडिबल का प्रति हेक्टेयर लगभग ₹666 का नुकसान हुआ।
उत्तराखंड में 30% से अधिक घरों की आजीविका वाइल्ड एडिबल्स पर निर्भर है
डॉ. बी.एस. कलकोटी ने बताया: प्राकृतिक स्रोतों से औषधि की खोज और विकास की प्रक्रिया के बारे में
उल्लेख किया कि 75% से अधिक कच्चे माल औषधि उद्योग के लिए जंगली स्रोतों से प्राप्त होते हैं।
प्रो. गीता तिवारी ने जानकारी दी:
पौधों में प्रतिजैविक और एंटीऑक्सिडेंट गुणों की जांच के लिए किए जाने वाले विभिन्न प्रयोगों के बारे में।
इसके बाद एक तकनीकी सत्र आयोजित किया गया जिसमें: हरबेरियम संग्रह और उसकी विधियों की जानकारी दी गई। पौधों के विभिन्न भागों से एक्सट्रैक्ट तैयार करने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए विभागाध्यक्ष तथा डायरेक्टर विजिटिंग प्रोफेसर प्रॉफ ललित तिवारी नए सभी का स्वागत किया तथा पौधों की जानकारी प्रस्तुत की । धन्यवाद प्रॉफ आशीष तिवारी ने किया । तकनीकी सत्र में प्रॉफ ललित तिवारी ,वसुंधरा लोधियाल, लता नीतवाल , विशाल ,कमल रावत ,गौरव ,आनंद कुमार नए प्रतिभागियों को हार्मोंस ,हर्बेरियम , सॉल्यूशन बनाने की जानकारी दी । कार्यक्रम में विभाग की एलुमनी डॉ अंजू वर्मा द्वारा प्रदान धनराशि के ब्याज से प्रारंभ बडिंग बॉटनिस्ट का पुरस्कार शिवांगी रावत को एम एस सी 2 सेमेस्टर में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर दिया गया तथा पुरस्कार में 5000 रुपए के चेक तथा प्रतीक चिन्ह भेंट किया गया । ।कार्यक्रम में प्रो. एस.एस. बर्गली, प्रो. किरण बर्गली, प्रो. सुषमा टम्टा, प्रो. नीलू लोधियाल, डाॅ. हर्ष चौहान, डाॅ. हेम चन्द्र जोशी, डाॅ. प्रभा पंत, डाॅ. हिमानी, डॉ. नवीन चन्द्र पांडे, एवं शोधार्थी साहित जगदीश पपने ,मोहित कुंदन ,पांडे ,गोपाल बिष्ट ,मोहित ,राधा ,लीला ,सपना सहित 55 प्रतिभागी लोग उपस्थित रहे । कार्यक्रम के समापन में सभी प्रतिभागी को प्रमाण पत्र वितरित किए गए तथा शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भगवद गीता भेट की गई ।