हिमालय की पारिस्थितिकी मेँ बदलाव चिंताजनक ’-प्रो॰शेखर पाठक

देहरादून l ‘ पर्वत हमारी जिंदगी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं | हिमालय की पारिस्थितिकी मेँ बदलाव चिंताजनक है | ‘माउंटेन ऑफ लाइफ’ एक ऐसा थीम है जो माउंटेन की जिंदगी उसके कल्चर सबसे संबन्धित है और वर्तमान में विचार- विमर्श की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण विषय है |’ यह विचार प्रदेश के माने -जाने विद्वान एवं इतिहासकार पद्मश्री प्रो॰ शेखर पाठक ने अज़ीम प्रेमजी फ़ाउंडेशन में आयोजित ‘माउंटेन ऑफ लाइफ’ सेमिनार में व्यक्त किए | तीन दिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन की शुरुआत बच्चों एवं शिक्षकों द्वारा हिमालय की उत्पत्ति से लेकर विकास के विविध घटनाओं पर आधारित भव्य प्रदर्शनी के भ्रमण से हुआ |इसमेँ बच्चों से बातचीत के जरिये जहां उन्हें हिमालय की खासकर उत्तराखंड के जनजीवन और प्रकृतिक विशेषताओं से परिचित कराया गया वहीं कार्यक्रम स्थल पर ही अलग -अलग कार्यशालाओं मेँ उन्हें प्रकृतिक और राजनीतिक नक्शे के विभिन्न जानकारियों की तुलना से उन्हें समझने और पत्र अथवा चित्र के माध्यम से अभिव्यक्ति के अवसर दिये गए |इस अवसर पर अलभ्य एवं तृष्ठव बडोनी ने हिमालयी लोकभाषा के प्रचलित गीतों की सुमधुर प्रस्तुति से लोगों का मन मोह लिया | इस कार्यक्रम मेँ वाडिया इंस्टीट्यूट द्वारा हिमालय क्षेत्र के जीवों ,वनस्पतियों और चट्टानों के प्राचीन अवशेषों की प्रदर्शनी भी लगाई गई|फ़ाउंडेशन द्वारा कार्यक्रम मेँ प्रतिभाग करने वाले विद्यालयों के लिए जलवायु से संबन्धित पुस्तकें भी उपहारस्वरूप प्रदान की गईं | कार्यक्रम मेँ उपरोक्त के अलावा अज़ीम प्रेमजी विश्व विद्यालय बेंगलुरु से कुणाल शर्मा,वाडिया इंस्टीट्यूट से डॉ मनीष मेहता ,परमजीत सिंह ,शुभोजीत शाह और प्रतीक नेगी का सहयोग प्राप्त हुआ |इस आयोजन मेँ एससीईआरटी ,सीमेट और डायट आदि संस्थानों से प्रदीप रावत ,मोहन सिंह बिष्ट और राम सिंह चौहान सहित विभिन्न राजकीय विद्यालयों के सैकड़ों बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही|कार्यक्रम का संयोजन अंबरीश बिष्ट और साथियों द्वारा सफलता पूर्वक किया गया |यह प्रदर्शनी अभी 24 एवं 25 अप्रैल को भी बच्चों ,शिक्षकों एवं इसमें रुचि रखने वाले अन्य आगंतुकों के लिए जारी रहेगी |

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