नव संस्कृत सत्संग समिति शेर का डांडा द्वारा मल्लीताल सात नंबर क्षेत्र में आयोजित रामलीला मंचन, राम राज्याभिषेक एवं पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ।

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नैनीताल l नव संस्कृत सत्संग समिति शेर का डांडा द्वारा मल्लीताल सात नंबर क्षेत्र में आयोजित रामलीला मंचन, राम राज्याभिषेक एवं पुरस्कार वितरण के साथ संपन्न हुआ। समापन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक डॉ नारायण सिंह जनतवाल द्वारा कलाकारों एवं समिति के सदस्यों को पारितोषिक प्रदान कर सम्मानित किया। समिति द्वारा सर्वश्रेष्ठ कलाकार का पुरूस्कार लक्ष्मण के पात्र रौनक बोरा को दिया गया, जबकि राम के पात्र निर्मल उपाध्याय, सीता के पात्र संस्कार पांडे, हनुमान के पात्र कुनाल जोशी और रावण के पात्र चेतन बिष्ट के उत्कृष्ट अभिनय हेतु विशेष पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। विभिन्न वर्गों में 84 पात्रों सहित विभिन्न गतिविधियों में योगदान देने पर 125 कलाकारों को समिति द्वारा प्रतीक चिन्ह एवं पारितोषिक प्रदान का सम्मानित किया गया। समिति के वरिष्ट सदस्यों को सम्मानित करने की परम्परा के अन्तर्गत इस वर्ष उर्वादत्त जोशी तथा मंच के पीछे सक्रिय योगदान हेतु चारु पंत को पुरस्कृत किया गया। साथ ही समिति के समस्त सदस्यों को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। बाल कलाकारों में राम की भूमिका में निखिलेश उपाध्याय, लक्ष्मण- रौनक बोरा, सीता- संस्कार पाण्डे, भरत – निर्मल जोशी, शत्रुघ्न- निश्चय सनवाल, कैकयी एवम सूर्पनखा- मोहित सुयाल, नल नील – स‌क्षम लोहनी एवम सार्थक बिष्ट रहे। युवा कलाकारों में हनुमान- कुणाल जोशी, रावण-चेतन बिष्ट, कुम्भकरण- गणेश महराज, सुबाहु- अमर जोशी, विभीषण- दयाल सिंह दानू, मेघनाद- हेमंत सिंह बिष्ट, सुग्रीव- विपिन तड़ियाल, कामदेव- हर्षित राणा, अक्षय कुमार- भव्यांश जोशी, मारीच- मृदुल तिवारी, अहिरावण- प्रियांशु टम्टा, मंत्री- नीरज बिष्ट ने निभाई। वरिष्ठ कलाकारों में जनक की भूमिका में डा हिमांशु पाण्डे, दशरथ- हिम्मत सिंह बिष्ट, बाली एवम अंगद- दीपक जोशी, परशुराम- ललित गिरी गोस्वामी, श्रवण कुमार- नीरज डालाकोटी, खरदूषण- विनोद सनवाल, राजा दशरथ- कंचन चन्दोला, दरबारी- विरेंद्र जोशी, विश्वामित्र- पं हरीश बिष्टानियां, काली माता के रूप मे लालीराम जी का अभिनय सराहा गया। महिला पात्रों के रूप में सुनयना की भूमिका में वरिष्ठ संस्कृति कर्मी एवम शिक्षिका श्रीमती दीपा पाण्डे सहित उर्वशी एवम सुमित्रा – मुस्कान राणा, कौशल्या एवम तारा- अस्मिता आर्या, सुलोचना एवम शबरी- भूमिका तड़ियाल, मन्थरा एवम त्रिजटा- नेहा, अहिल्या एवम वन स्त्री- दीपिका बोहरा, गौरी एवम वन स्त्री- रचना सुयाल, सीता की सखियां- रजनी आर्या उन्नति वर्मा एवम बबिता आर्या, सहित राज दरबार की नर्तकियों के रूप में बारह बालिकाओं ने मोहक प्रस्तुति दीं। रामलीला मंचन में बन्दरों तथा राक्षसों के रूप में दो दर्जन बाल कलाकारों तथा राधा कृष्ण की बाल लीला के समस्त कलाकारों को सम्मानित किया गया। एक नये प्रयोग के रूप में सांस्कृतिक समझ को बढ़ाने एवम रुचि विकसित किये जाने के उद्देश्य से शिक्षकों दीपा पाण्डे एवम गणेश लोहनी के संचालन में रामलीला क्विज का रोचक आयोजन कर दर्शकों में से भी पांच विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।

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