धर्म परिवर्तन का मकड़जाल विषय पर गोष्ठी सम्पन्न, आर्य जनों को समाज में जागृति लानी होगी -डॉ. डी के गर्ग (अध्यक्ष ईशान इंस्टिट्यूट)

गाजियाबाद l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के तत्वावधान में धर्म परिवर्तन का मकड़जाल विषय पर ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया गया।यह कोरोना काल से 729 वाँ वेबिनार था। वैदिक प्रवक्ता डॉ. डी के गर्ग (अध्यक्ष ईशान इंस्टिट्यूट ग्रेटर नोएडा) ने जोर देकर कहा कि आज समाज में बढ़ता पाखंड बाबाओं का मायाजाल आर्य समाज की शिथिलता के कारण है इसके लिए आवश्यक है कि हम स्वाध्याय करें आम जन को जागरूक करें।उन्होंने कहा कि अनेकता में एकता का नारा ठीक नहीं है।संगठन में ही शक्ति है, यही हमें संगठन सूत्र के मंत्र कहते हैं।सृष्टि के एक अरब 97 करोड़ वर्ष तक एक ईश्वर,एक अभिवादन,एक पूजा पद्धति,एक ही धर्म ग्रन्थ था।लेकिन अब लगभग 100 मतमतांतर,100 प्रकार के मंदिर, 100 अलग अलग बाबाओं के अलावा,मजारों का,सिद्ध बाबाओं का मकड़जाल हिन्दू समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहा है।
इसीमें से पहले जैन,बौद्ध,ईसाई, मुसलमान,सिख बने और अब कई बाबा जैसे जैसे मजबूत होते जाएंगे हिंदू धर्म से अलग पहचान की मांग करेंगे जैसे कर्नाटक के मातुवा समाज ने कर दी है।इस आलोक में हिंदू अब दो प्रतिशत भी नहीं रहें।
आर्य समाज के प्रचारकों का दायित्व काफी बढ़ गया है और युद्ध स्तर पर कार्य करें,सरल भाषा में साहित्य नए ढंग से नए नए विषयों पर लिखा जाए। Uh केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कुशल संचालन करते हुए कहा कि टीवी चैनल भी पाखंड अन्धविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं।प्रदेश अध्यक्ष प्रवीण आर्य ने कहा कि युवा पीढ़ी को जागरूक करने से अधिक लाभ मिल सकता है। गायिका प्रवीना ठक्कर, कमला हंस, शोभा बत्रा, सुधीर बंसल, रविन्द्र गुप्ता, आशा रानी, जनक अरोड़ा, मंजू, संतोष शर्मा आदि के मधुर भजन हुए।

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