जिलाधिकारी के निर्देशानुसार हल्द्वानी के बाद नैनीताल में 21 नवंबर 2024 से संवेदीकरण कार्यशाला GGIC स्कूल नैनीताल से शुरू हुई

नैनीताल l जिलाधिकारी के निर्देशानुसार हल्द्वानी के बाद नैनीताल में 21 नवंबर 2024 से संवेदीकरण कार्यशाला GGIC स्कूल, नैनीताल से शुरू हुई। महिला एवम बाल विकास विभाग नैनीताल द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत “बालिकाओं द्वारा असुरक्षित स्थानों के चिन्हीकरण” विषय में कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में जनपद के विभिन्न विभाग जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा एवम परिवीक्षा विभाग से आए हुए अधिकारियों द्वारा बालिकाओं से उनकी समस्याओं के बारे में चर्चा की गई। संयुक्त मजिस्ट्रेट, नैनीताल वरुणा अग्रवाल(IAS) ने बालिकाओं को संबोधित करते हुए असुरक्षित स्थानों को बिना डरे बताने के लिए प्रेरित किया और ऐसे असामाजिक लोगों पर कड़ी कार्यवाही करने की भी बात कही। अपर निदेशक, प्रशिक्षण श्रीमती ऋचा सिंह ने बालिकाओं से वार्ता करते हुए ऐसे स्थानों के बारे में पूछा जहां पर वह असुरक्षित महसूस करती हैं, साथ ही बताया कि पिछली कार्यशालाओं में चिन्हित स्थानों पर समस्त संबंधित विभागों द्वारा लगातार कार्यवाही भी की जा रहा है, जिलाधिकारी महोदया द्वारा विभिन्न विभागों के लिए SOP भी जारी कर दी गई है एवं मुख्य सचिव महोदया द्वारा भी इन कार्यशालाओं को पूरे राज्य में करवाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। जिला कार्यक्रम अधिकारी अनुलेखा बिष्ट ने बताया कि हल्द्वानी में इन कार्यशालाओं का असर देखने को मिल रहा है। बालिकाओं द्वारा विभिन्न स्थानों को चिन्हित किया गया जैसे हरीनगर, मल्लीताल पर मस्जिद के पास, आलूखेत का फायरिंग एरिया, बस स्टैंड, स्नो व्यू, GGIC स्कूल के गेट के पास, zoo रोड, बूचड़खाना, मुसाफिरखाना, दुर्गापुर, तप्पड़, मॉल रोड के पार्क, जेल कैंपस आदि। बालिकाओं द्वारा बताया गया की नैनीताल से हल्द्वानी रूट की बसों में यात्री शराब पीकर चढ़ते हैं और आए दिन छेड़ खानी की घटनाएं होती हैं, ड्राइवर और कंडक्टर भी नशे में रहते हैं। यही समस्या टैक्सी में भी आती है। महिलाओं से छेड़छाड़ होती है, पैसे लेते समय हाथ छूने की कोशिश की जाती है। कुछ चिन्हित स्थानों में ड्रग्स और शराब का कारोबार भी चलता है जैसे बूचड़खाना, कुछ सुनसान जगह जैसे स्नोव्यू , तप्पड़, हरीनगर आदि में लड़के नशे में पीछा करते हैं और नैनीताल के मॉल रोड वाले पार्क्स में अक्सर नशे में लड़के बैठे रहते हैं और छेड़खानी करते हैं। कार्यशाला मे बालिकाओं ने कुछ सुझाव भी पेश किए जैसे रोडवेज बस स्टैंड का लगातार निरीक्षण, CCTV, चिन्हित जगह पर लगातार पुलिस पेट्रोलिंग, गलियों में स्ट्रीट लाइट, रिक्शा स्टैंड पर एवम अन्य चिन्हित स्थानों पर गश्त आदि। इस कार्यशाला में चिन्हित स्थानों एवम कारणों के साथ समिति अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी महोदया को प्रेषित करेगी जिससे संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। कार्यक्रम में जिला प्रोबेशन कार्यालय से तबस्सुम ने हेल्पलाइन नम्बर्स
की जानकारी दी एवम स्वास्थ्य विभाग से डॉ दीप्ति धामी ने महिला स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी। इन लगातार हो रहे कार्यक्रमों का उद्देश्य भय मुक्त वातावरण को बनाना है जहां बालिकाएं स्वयं को असुरक्षित ना महसूस करें और विश्वास के साथ कहीं भी आ जा सके, उन्हें आने-जाने में भय ना लगे और जिस भी क्षेत्र में छेड़छाड़ या बच्चियों को असुरक्षा महसूस हुई है उनमें जिलाधिकारी महोदया के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है। कार्यक्रम में शिक्षा विभाग से मेहा शाह, विद्यालय की शिक्षिकायें, बालिकाएं, बाल विकास अधिकारी शिल्पा जोशी एवम सुपरवाईजर प्रियंका आर्या उपस्थित रहे।

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