200 वी “दयानन्द दशमी ” संपन्नआर्य समाज की प्रेरणा से कई सुधार हुए-पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा

समाज में बढ़ता
पाखंड चिंता का विषय -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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नई दिल्ली l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में आर्य समाज के संस्थापक, महान समाज सुधारक महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200 वी दशमी पर 11 कुण्डीय महायज्ञ डा. जयेंद्र आचार्य के ब्रह्मत्व में सांसद प्रवेश वर्मा के निवास 20, विंडसर पैलेस,जनपथ में संपन्न हुआ। दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों से सैकड़ों लोग उपस्थित थे I
मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय मंत्री विक्रम वर्मा ने कहा कि आर्य समाज से प्रेरणा पाकर समाज में अनेकों सुधार हुए I आज इस अभियान को और तीव्र गति से चलाने की आवश्यकता है I उन्होंने स्वदेशी और हिन्दी भाषा को प्राथमिकता देने का आह्वान किया I
सांसद प्रवेश वर्मा ने स्वामी दयानन्द के आदर्शों को जीवन में धारण करने की अपील की I
केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आज शिक्षा का किताबी ज्ञान तो बढ़ रहा है लेकिन पाखंड अन्धविश्वास भी बढ़ रहे हैं जिसे आर्य समाज ने जागरूकता अभियान से ठीक करना है I

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कुरुक्षेत्र से पधारे स्वामी संपूर्णानन्द ने कहा कि आज भारत देश प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों सुरक्षित है।देश विदेश में ख्याति फैल रही है।

वैदिक विद्वान डा जयेंद्र आचार्य ने कहा कि महर्षि दयानंद जी के नारी जाति पर असंख्य उपकार हैं, उन्होंने समाज सुधार,नारी शिक्षा व वेदों को पढ़ने पढ़ाने पर बल दिया।बाल विवाह को निषेध किया व सती प्रथा को भी अनुचित ठहराया।उन्होंने विधवा विवाह का समर्थन किया।स्वामी जी का मानना था कि नर नारी सब एक समान है सबको यज्ञ करने का समान अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता संध्या बजाज ने कहा कि नारी अब अबला नहीं सबला है और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही है।

साध्वी उत्तमायती ने अपनी बेटियों को बहादुर, स्वालम्बी, शिक्षित करने का आह्वान किया, उन्हें ऐसा मजबूत बनाये जिससे वह जिंदगी के रणक्षेत्र में अपने भाग्य निर्माता स्वयं बन सके।

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साहित्यकार एवं लेखक आचार्य रवि देव गुप्ता ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि स्वामी दयानन्द सरस्वती के मानस पुत्र स्वामी श्रद्धानंद को हम इसलिए याद करते हैं क्योंकि उन्होंने स्वामी दयानन्द के स्वप्नों को साकार किया था।आज हमें मक्खन की तरह दूध में घुल कर रहना है और यह सब गुरुकुल परम्परा से होगा।इसी से भारत विश्वगुरू होगा।
आचार्य संजीव रूप जी बदायूं व पिंकी आर्य के मधुर भजन हुए I
प्रमुख रूप से आचार्य महेन्द्र भाई, यशोवीर आर्य,देवेन्द्र भगत, प्रवीण आर्य, रामकुमार आर्य, ओम सपरा, राजेश मेहंदीरता ,
आचार्य गवेन्द्र शास्त्री,पार्षद यशपाल आर्य ने भी अपने विचार रखे।

समारोह में मुख्य रूप से सर्वश्री डा. प्रमोद सक्सैना, कैप्टन अशोक गुलाटी,राज कुमार भण्डारी,कुसुम भंडारी,प्रेम सचदेवा, अनिता रेलन, प्रकाशवीर शास्त्री, रोहित आर्य, स्वदेश शर्मा, वेद प्रकाश आर्य, सोनिया संजू, सुशील बाली, वरुण कठुरिया,गंगा शरण आर्य, कृष्णा पाहुजा,माया राम शास्त्री आदि उपस्थित थे

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