विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार) द्वारा 16 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है

नैनीताल l विश्वविद्यालय अनुदान आयोग शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यस्थल पर लिंग आधारित हिंसा को खत्म करने, महिलाओं को सुरक्षित वातावरण प्रदान करने के लिए महिलाओं का यौन उत्पीड़न रोकथाम, निषेध और निवारण हेतु 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक 16 दिवसीय जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें महिला अध्ययन केन्द्र, कुमाऊँ विश्वविद्यालय नैनीताल 28 एवं 29 नवम्बर 2024 में ‘प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरैसमेंट ऑफ वर्किंग वीमेन एंड स्टूडेंट’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चल रहा है। सेक्सुअल हरस्मेंट के इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे वर्किंग प्लेस में सहजता लाना है, जिससे कि सभी लोग अपने और दूसरे के व्यवहार के प्रति सजग हो सकें और जान सके कि वर्किंग प्लेस में व्यव्हार की सीमाएं क्या हैं किस प्रकार एक शब्द या वाक्य या स्पर्श भी दूसरे के लिए एक मानसिक तनाव, डिप्रेशन और आर्थिक परेशानी का कारण बन सकता है। सेक्सुअल हरस्मेंट के लिए संविधान में क्या क़ानूनी प्रावधान हैं। आज दिनांक 28 नवंबर 2024 को प्रथम दिवस की कार्यशाला का प्रारम्भ महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशक डॉ० नीता बोरा शर्मा ने कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता श्रीमती स्वेता डोभाल का स्वागत किया। श्रीमती स्वेता डोभाल (अधिवक्ता हाईकोर्ट) ने विशाखा गाइड लाइन्स और भंवरी देवी के केस के बारे में विस्तार से बताया गया। विशाखा गाइडलाइन्स के आधार पर ही पोस्को एक्ट 2013 बना। इस एक्ट के तहत सेक्शन 9 की चर्चा हई, जिसमे विक्टिम के द्वारा शिकायत दर्ज की जा सकती है। सेक्शन १२ के अंतर्गत लिखित शिकायत भी दर्ज की जा सकती है लेकिन झूठी शिकायत के लिए जुर्माना हो सकता है। इसके उपरांत पॉश कमेटी के बारे में जानकारी दी गई, जो कि सेक्सुअल हरैसमेंट से सम्बंधित मामलों की जाँच करती है साथ ही उन्होंने पोस्को एक्ट के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जोकि 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों की सुरक्षा के लिए बना है। महिला अध्ययन केन्द्र की निदेशक डॉ० नीता बोरा शर्मा ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम एवं घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 के बारे में अपने अनुभव साझा किये, और अधिवक्ता श्रीमती स्वेता डोभाल को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन खूशबू आर्या ने किया। इस कार्यक्रम में एम० ए० महिला अध्ययन पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों के साथ-साथ आई.टी.ई.पी., बीबीए, भारतीय शहीद सैनिक विद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर डॉ किरन तिवारी, सत्येन्द्र अविनाश, समृद्धि, मीनाक्षी, जगदीश पाण्डे, राकेश, कृष्णा आदि शामिल रहे।

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