148 वीं सरदार पटेल जयंती सम्पन्न आधुनिक भारत के शिल्पकार थे सरदार पटेल -राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य

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नैनीताल l केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में 148 वीं जयन्ती पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को आर्य गोष्ठी का आयोजन कर स्मरण किया गया।उल्लेखनीय है कि सरदार पटेल का जन्म गुजरात के नाडियाड में 31 अक्टूबर,1875 को हुआ था।भारत को संगठित बनाने में आपकी विशेष भूमिका मानी जाती है।सरदार पटेल को भारत की 565 रियासतों का विलय करके अखण्ड भारत के निर्माण के लिए याद किया जाता है।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि सरदार पटेल आधुनिक भारत के शिल्पिकार थे,वह स्पष्ट एवं निर्भीक वक्ता रहे उनकी निर्णायक क्षमता अदभुत थी।स्वतन्त्रता के बाद उन्हें भारत का उपप्रधानमन्त्री तथा गृहमन्त्री बनाया गया।गृहमन्त्री होने के कारण रजवाड़ों के भारत में विलय का विषय उनके पास था।सभी रियासतें स्वेच्छा से भारत में विलीन हो गयीं थी,पर जम्मू- कश्मीर,जूनागढ़ तथा हैदराबाद ने टेढ़ा रुख दिखाया।सरदार की प्रेरणा से जूनागढ़ में जन विद्रोह हुआ और वह भारत में मिल गयी।हैदराबाद में आर्य समाज का आन्दोलन व फिर पुलिस कार्यवाही कर उसे भारत में मिला लिया गया।यदि सरदार पटेल न होते तो हिन्दुस्तान का वर्तमान रूप ऐसा न होता,हिन्दुस्तान खण्ड खण्ड में विभाजित होता।रजवाड़ों रियासतों का हिन्दुस्तान में विलय करने का श्रेय सरदार पटेल को ही जाता है।आज आवश्यकता इस बात की है कि हम आजादी का मतलब समझें और राष्ट्र की एकता अखण्डता की रक्षा का संकल्प लें।देश की वर्तमान विषम परिस्थितियों में सरदार पटेल बहुत याद आते हैं आज पुनः उनकी नीतियों पर चलने की आवश्यकता है।

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राष्ट्रीय महामंत्री महेन्द्र भाई ने कहा कि सरदार पटेल गंभीर चिन्तक, बहुआयामी, आदर्शवादी व व्यवहारिक व्यक्तित्व के धनी थे। राष्ट्र के प्रति उनका प्रेम अद्वितीय था।वर्ष 1928 में गुजरात में बारडोली सत्याग्रह हुआ जिसका नेतृत्व वल्लभ भाई पटेल ने किया।उस समय प्रान्तीय सरकार किसानों से भारी लगान वसूल रही थी।सरकार ने लगान में 30 फीसदी वृद्धि कर दी थी।जिसके चलते किसान बेहद परेशान थे।वल्लभ भाई पटेल ने सरकार की मनमानी का कड़ा विरोध किया।बारडोली सत्याग्रह की सफलता के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि दी।अगर आजादी के बाद नेहरू की जगह प्रधानमंत्री सरदार पटेल बनते तो आज कश्मीर व अलगावाद की समस्या नहीं होती।

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कार्यक्रम अध्यक्ष प्रवीण आर्य (गाजियाबाद) ने कहा कि सरदार पटेल के विचार से व्यक्ति की अधिक अच्छाई उसके मार्ग में बाधक है,इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिए और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।निडर होकर अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने में सर्वदा आगे रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने पटेल की जगह नेहरू को प्रधान मंत्री बनवा कर अनर्थ किया।

आर्य नेता यशोवीर आर्य ने कहा कि भारत के राजनीतिक एकीकरण में लौहपुरूष,भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

गायिका रामदेवी, सरला बजाज, जनक अरोड़ा, कुसुम भण्डारी, आदर्श सहगल, कौशल्या अरोड़ा, पिंकी आर्या, सुनीता अरोड़ा, कमला हंस,रविन्द्र गुप्ता,उषा सूद, गीता शर्मा आदि ने गीतों के माध्यम से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।

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