नैनीताल l 18 से 20 अक्टूबर 2021 को हुई अतिवृष्टि से ग्राम बोहराकोट, पट्टी रामगढ़ तहसील व जिला नैनीताल के 08 प्रभावित परिवारों के विस्थापन के संबंध में उपजिलाधिकारी नैनीताल के पत्र संख्या 26 / आर. ए. / 2022 दिनांक 18 अक्टूबर, 2022 द्वारा पुनर्वास नीति, 2021 के अनुसार बिन्दुवार आख्या निम्नवत् उपलब्ध करायी गई है- आपदा प्रभावित परिवारों को पुर्नवास / विस्थापन हेतु वर्तमान में लागू पुर्नवास नीति 2021 के अनुसार विस्थापन किया जाना है क्योंकि उक्त परिवार जिस स्थान पर रह रहे थे वह आपदा के कारण रहने योग्य नही रह गया है। प्रभावित परिवारों के आवास आपदा से पूर्णतया क्षतिग्रस्त हो चुके है तथा ग्राम में उनकी अपनी कोई भूमि नहीं है। प्राकृतिक आपदा से संकटग्रस्त ग्राम बोहराकोट के 08 परिवार जिनके आवास आपदा से पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुके है, उन्हे विस्थापित किया जाना है। विस्थापन हेतु चिन्हिकरण का कार्य राजस्व विभाग लोक निर्माण विभाग, सिचाई विभाग, भू वैज्ञानिक भू-तत्व एवं खनिकर्म इकाई हल्द्वानी नैनीताल द्वारा किया गया है। स्थल का भू-गर्भीय सर्वे किया जा चुका है जिसकी रिपोर्ट संलग्न है। बिजली, पानी, रोड की उचित व्यवस्था के आधार पर चयन किया गया है। योजना बनाते समय प्रभावित परिवारों की सहमति ली गई है तथा प्रभावित परिवार एक ही ग्राम के व एक ही जाति के है। दैवीय आपदा से उक्त 08 प्रभावित परिवारों के आवास पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुके है तथा प्रभावित स्थल को छोड़कर ग्राम में अन्यत्र निवास कर रहे है प्रभावित परिवारों को जिस स्थल पर विस्थापित किया जाना है उसका भूगर्भीय सर्वेक्षण करा लिया गया है चयनित भूमि के सुरक्षित होने के सम्बन्ध में तकनीकि विशेषज्ञों से परामर्श ले लिया गया है, चयनित भूमि आपदा की दृष्टि से संवेदनशील नहीं है तथा भविष्य में किसी आपदा से प्रभावित होने की सम्भावना न्यून है। चयनित भूमि भूगर्भीय सर्वेक्षण करा लिया गया है व चयनित भूमि के सुरक्षित होने के सम्बन्ध में भूमि वैज्ञानिक द्वारा संस्तुति की गयी है। भूवैज्ञानिक की आख्या संलग्न है। विस्थापन हेतु चयनित भूमि का राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, भू वैज्ञानिक भू तत्व एवं खनिकर्म इकाई हल्द्वानी नैनीताल सर्वेक्षण कर लिया गया है। प्रभावित परिवारों का आधार कार्ड की छायाप्रति, परिवार रजिस्टर व ग्राम प्रधान द्वारा सहमति पत्र संलग्न किया गया है। परिवारों का व्यवसाय मेहनत-मजदूरी है। कुल परिवारों की संख्या 08 है।प्रभावित परिवारों को उद्यान विभाग के भवनों में विस्थापित किया गया है।प्रभावित परिवारों द्वारा पुर्नवास हेतु सहमति दी गयी है। विस्थापन हेतु चयनित भूमि राजस्व विभाग (उद्यान विभाग) की है तथा वन भूमि नहीं है। भूमि पर उद्यान विभाग का स्वामित्व है। विस्थापन हेतु प्रस्ताव तैयार कर संलग्न है। विस्थापन हेतु ग्राम सभा द्वारा सहमति दी गयी है। 15. विस्थापन हेतु चिन्हित परिवारों से राजस्व भूमि पर पुर्नवास के लिए लिखित सहमति प्राप्त कर ली गई है जो संलग्न है। प्रभावित परिवार जिस स्थान पर रह रहे थे यह आपदा के कारण रहने योग्य नहीं रह गया है। प्रभावित परिवारों के आवास आपदा से पूर्णतः क्षतिग्रस्त हो चुके है तथा वह वर्तमान में उद्यान विभाग के भवनों में रह है। 18. विस्थापित किये जाने वाले 08 परिवार लगभग 40-50 वर्षों से ग्राम में रह रहे है जिनमें से 07 परिवार ग्राम निवासियों द्वारा दी गई भूमि पर रह रहे थे तथा 01 परिवार (चन्द्र प्रकाश पुत्र धरमपाल) के नाम नॉन0ज्येड०ए० की श्रेणी एक में भूमि दर्ज थी जो नदी से मकान सहित पूर्णतः नष्ट हो चुकी है। विस्थापन हेतु 250 वर्गमीटर भूमि प्रति परिवार की दर से प्रस्तावित की गई प्रभावित परिवार वर्तमान में उद्यान विभाग के भवनों में रह रहे है, उन्हें आवासीय योजना के अन्तर्गत आवास अथवा आवास हेतु कोई वित्तीय सहायत प्राप्त नहीं हुई है। प्रभावित 08 परिवारों को को स्थाई रूप से अन्य स्थान पर विस्थापित किया जाना है, जिनके विस्थापन हेतु विस्थापन नीति 2021 के बिन्दु संख्या 20 के अनुसार आगणन निम्न प्रकार है:- (अ) DB परिवारों को भवन निर्माण हेतु प्रति परिवार रू० 4,00,000/- (चार लाख) की दर से उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि, 084,00,000-32,00,000 (बत्तीस लाख) रुपये (ब) 08 परिवारों को विस्थापन भत्ता रु० 10,000/- (दस हजार रुपये प्रति परिवार की दर से उपलब्ध करायी जाने वाली धनराशि 08X10,000 80,000 (अस्सी हजार) रूपये । इस प्रकार विस्थापन हेतु कुल धनराशि रू. 32,80,000/- (बत्तीस लाख अस्सी हजार) आगणित की जाती गणना कर ली गई है।सभी चिन्हित परिवार पृथक-पृथक है। विस्थापित किये जाने वाले कुल 08 परिवारों में से 07 परिवारों के मुखिया पुरुश है एवं 01 परिवार की मुखिया महिला हसम्बन्धित नहीं है। 25. प्रभावित परिवार वर्तमान में उद्यान विभाग रामगढ़ के भवनों में निवास कर रहे है। उनके द्वारा अभी तक कोई आवास नहीं बनाया गया है और न ही बनाने में सक्षम है। घनराशि आवंटित होने उपरान्त का विषय है। विस्थापित किये जाने वाले 08 परिवार लगभग 40-50 वर्षो से ग्राम में रह रहे है. जिनमें से 07: परिवार ग्राम निवासियों द्वारा दी गई भूमि पर रह रहे थे तथा 01 परिवार (चन्द्र प्रकाश पुत्र धरमपाल के नाम नॉन ज्येड०ए० की श्रेणी 7क में भूमि दर्ज थी जो नदी से मकान सहित पूर्णतः नष्ट हो चुकी है। उक्त 08 आपदा प्रभावित परिवारों को विस्थापित किये जाने हेतु ग्राम चायबगीचा, पट्टी रामगढ़ के ज्येड.ए. खतौनी श्रेणी 04 (उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत अर्जित की गयी अतिरिक्त भूमि) के खाता संख्या 09 में उद्यान विभाग रामगढ़ के नाम पर दर्ज खसरा नम्बर 10 रकबा 5.277 हेक्टेयर मध्ये रकबा 0.210 हेक्टेयर भूमि का चयन किया गया है। इस सम्बन्ध में कार्यालय पत्र संख्या 906/13- सी. आर.ए.-2022 दिनांक 21.10.2022 द्वारा उद्यान विभाग से अनापत्ति प्राप्त किये जाने हेतु पत्र प्रेषित किया गया है। अतः उपजिलाधिकारी नैनीताल द्वारा उपलब्ध कराई गई आख्या के अनुसार ग्राम बोहराकोट पट्टी रामगढ़, तहसील व जिला नैनीताल में दिनांक 18 से 20 अक्टूबर 2021 की प्राकृतिक आपदा से आठ प्रभावित परिवारों के विस्थापन हेतु विस्थापन नीति, 2021 के अंतर्गत विस्तृत प्रस्ताव मय विस्तापन हेतु गठित समिति की आख्या एवं प्रमाण पत्र-1 संलग्नक कर शासन स्तर से अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु प्रेषित है।
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